पेट दर्द व बुखार के इलाज के बिलों को फर्जी बता रही स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा कंपनियाँ प्रीमियम जमा होने के पूर्व तक पॉलिसी धारकों के लिए 24 घंटे व सातों दिन सुविधा देने की बात करती हैं पर जमीनी हकीकत में आंकलन किया जाए तो भुगतान होने के बाद वे अपने ग्राहकों को भूल जाती हैं। अस्पताल में इलाज के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ता है। अगर पॉलिसी धारक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो वहाँ पर कैशलेस नहीं किया जाता। ठीक होने के बाद जब बीमित सारे बिल बीमा कंपनी में क्लेम के लिए सबमिट करता है तो उनमें अनेक तरह से क्वेरी निकाली जाने लगती हैं। अस्पताल से दोबारा सत्यापित कराकर जमा करने पर बीमा अधिकारियों द्वारा जल्द क्लेम सेटल करने का वादा तो किया जाता है पर नो क्लेम का लेटर भेज दिया जाता है और उसके बाद बीमा अधिकारी फोन भी रिसीव करना बंद कर देते हैं। पॉलिसी धारक को बीमा अधिकारी चक्कर लगाने के लिए मजबूर करे हुए हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
27 महीने के बाद भी बीमा अधिकारी नहीं दे रहे किसी तरह का जवाब
हरियाणा शोरा कोठी रोहतक माता दरवाजा निवासी अमन कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया था। वे प्रतिवर्ष प्रीमियम भी जमा करते आ रहे हैं। पॉलिसी क्रमांक पी/211118/01/2020/005961 का कैशलेस कार्ड भी मिला था। बीमा अधिकारियों के द्वारा वादा किया गया था हमारी कंपनी आपको सभी उपचार का भुगतान करेगी। अगस्त 2021 में अचानक बुखार आने के साथ ही पेट में दर्द होने लगा था। गंभीर अवस्था में परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया। वहाँ से बीमा कंपनी में कैशलेस के लिए मेल किया गया तो बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट से जवाब आया की आप अभी अपने पास से बिलों का भुगान कर दें, बिल व रिपोर्ट सबमिट करने पर आपको पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। इलाज के बाद बीमा कंपनी में ऑफलाइन व ऑनलाइन सारे बिल सबमिट किए तो जिम्मेदारों ने उसमें अनेक प्रकार की खामियाँ निकालीं। बीमित ने दोबारा सारे दस्तावेज अस्पताल से सत्यापित कराकर जमा किए तो बीमा अधिकारियों ने कहा कि जल्द हम क्लेम देंगे पर कुछ दिनों बाद वहाँ से मेल आया कि आपके द्वारा जो बिल सबमिट किए गए वो फेक (फर्जी) हैं। बीमित का आरोप है कि बीमा अधिकारी उसके साथ चालबाजी कर रहे हैं।
Created On :   18 March 2023 4:30 PM IST