अस्पताल से छुट्टी होने के दौरान कैशलेस कर दिया स्टार हेल्थ इंश्योरेंस ने निरस्त
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। आम आदमियों को जीवित रहते हुए और मरने के बाद परिजनों को सहारा देने का वादा करने वाली बीमा कंपनियाँ गोलमाल करने पर उतारू हैं। अस्पताल में इलाज के दौरान कैशलेस करने तैयार नहीं हैं और जब बिल सबमिट किए जाते हैं तो अनेक तरह की गलतियाँ निकालने के बाद नो क्लेम किया जाता है। पॉलिसीधारक बीमा कंपनियों के जिम्मेदारों पर गंभीर आरोप लगाते हुए अब कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। निजी कंपनियों के द्वारा सबसे अधिक धोखा आम आदमियों को दिया जा रहा है। नियमों का हवाला देकर भुगतान देने से बीमा कंपनियाँ बच रही हैं और बीमितों को गुमराह करने में लगी हुई हैं। बीमितों का आरोप है कि आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस, बजाज एलियांज हेल्थ इंश्योरेंस, चोला एमएस हेल्थ इंश्योरेंस, डिजिट हेल्थ इंश्योरेंस, फ्यूचर जेनेरली हेल्थ इंश्योरेंस, एचडीएफसी एर्गो जनरल हेल्थ इंश्योरेंस, एचडीएफसी एर्गो हेल्थ इंश्योरेंस (पहले का नाम अपोलो म्युनिक हेल्थ इंश्योरेंस), आईएफएफसीओ टोकियो हेल्थ इंश्योरेंस, कोटक महिंद्रा हेल्थ इंश्योरेंस, लिबर्टी हेल्थ इंश्योरेंस, मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस, मणिपालसिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस, नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस, न्यू इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस, ओरिएण्टल हेल्थ इंश्योरेंस, रॉयल सुंदरम हेल्थ इंश्योरेंस, रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस, एसबीआई जनरल व लाइफ हेल्थ इंश्योरेंस, टाटा एआईजी हेल्थ इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस, यूनिवर्सल सोम्पो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी सहित अनेक कंपनियाँ नो क्लेम कर रही हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
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चार साल पुरानी बीमारी का दिया जा रहा हवाला
मध्यप्रदेश जिला जबलपुर कुंडम निवासी अंकुश पटैल ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके द्वारा तीन साल पहले स्टार हेल्थ इंश्योरेंस से पॉलिसी ली गई थी। पॉलिसी लेने के दौरान बीमा अधिकारियों ने सारी बीमारी कवर करने का वादा किया था। वह तीन साल से प्रीमियम भी जमा करते आ रहा है। 12 मार्च को पैर में सूजन आने के कारण निजी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। अस्पताल की तरफ से बीमा कंपनी में कैशलेस के लिए मेल किया गया था। मेल करने के दौरान बीमा अधिकारियों ने कैशलेस की अनुमति दे दी थी। 14 मार्च 2023 को छुट्टी के दिन बीमा अधिकारियों ने कैशलेस से इनकार कर दिया। क्लेम नंबर क्रमांक 2023/201116/1637920 का भुगतान करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि आपके द्वारा डीबीटी नामक बीमारी छुपाई गई है। बीमित ने सारे तथ्य देते हुए कहा कि मुझे यह बीमारी कभी नहीं थी, पूर्व में पैर में दर्द हुआ था पर इस तरह का जाँच में कुछ नहीं निकला था। बीमित द्वारा सारे रिकाॅर्ड दिए जा रहे हैं पर स्टार हेल्थ के ब्रांच अधिकारी, क्लेम डिपार्टमेंट, सर्वेयर टीम के सदस्यों के द्वारा किसी भी तरह की मदद नहीं की जा रही है। पीड़ित का आरोप है कि उसके साथ बीमा कंपनी के अधिकारियों के द्वारा जालसाजी की जा रही है और वह इसके खिलाफ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाएगा।
Created On :   15 March 2023 3:54 PM IST