राजस्थान विधानसभा: अशोक गहलोत ने हासिल किया विश्वास मत, सदन 21 अगस्त तक स्थगित
डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में आज से विधानसभा का सत्र (Rajasthan Assembly Session) शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्वास मत हासिल कर लिया है। ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव पारित हुआ। इसके साथ ही सदन को 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
Chief Minister Ashok Gehlot led #Rajasthan Government wins vote of confidence in the State Assembly. pic.twitter.com/csbM85SQnW
— ANI (@ANI) August 14, 2020
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दरअसल सत्र की शुरुआत के एक दिन पहले से ही राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई थी। जब बीजेपी ने ऐलान किया था, वह सत्र के पहले दिन ही सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। गुरुवार को विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पार्टी की बैठक के बाद इसकी घोषणा की थी। लेकिन शुक्रवार को विधानसभा में बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही कांग्रेस सरकार ने विश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। वहीं सत्र से पहले सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा, विधानसभा में राजस्थान के लोगों और हमारे कांग्रेस विधायकों की एकता की जीत होगी, यह सत्य की जीत होगी। सत्यमेव जयते। सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस ने विधायकों को व्हिप जारी किया।
As the Legislative Assembly session begins today, It would be the victory of the people of #Rajasthan and the unity of our Congress MLAs, it would be a victory of truth: Satyamev Jayate.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 14, 2020
शुक्रवार सुबह 11 बजे सत्र के शुरू होते ही विधानसभा में चीन बॉर्डर पर शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव रखा। वहीं बीजेपी भी अविश्वास मत प्रस्ताव लाने की तैयारी में थी, लेकिन गहलोत ने पहले ही चाल चल दी। गहलोत ने दावा किया है, उनकी सरकार आसानी से बहुमत साबित कर देगी। उधर, बसपा ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर कांग्रेस के खिलाफ वोट करने को कहा है। इसके बाद कार्यवाही को 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
#राजस्थान #विधानसभा में माननीय अध्यक्ष महोदय @drcpjoshi जी शोकाभिव्यक्ति एवं श्रद्धांजलि अर्पण करते हुए...https://t.co/EkrRhAY6lb pic.twitter.com/lAlmdr19zR
— Rajasthan Vidhan Sabha (@RajAssembly) August 14, 2020
दोबारा कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में कहा, यह सदन मंत्री परिषद और सरकार में विश्वास प्रकट करता है। इस तरह से सदन में विश्वास मत रख दिया गया है। धारीवाल बोल ही रहे थे, तभी बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने हंगामा शुरू कर दिया। स्पीकर सीपी जोशी ने मदन दिलावर और बाकी विधायकों को चेतावनी दी।
ना शाह की चली, ना तानाशाह की- शांति धारीवाल
धारीवाल ने बीजेपी नेताओं से कहा, अमित शाह आपको माफ नहीं करेंगे। वह जवाब मांगेंगे। जिस तरह से महाराणा प्रताप ने विरोधियों को हराया, उसी तरह गहलोत ने हराया। राजस्थान में ना किसी शाह की चली, ना तानाशाह की। जब धारीवाल ने सदन में कहा, अमित शाह हिसाब मांग कर रहेंगे, छोड़ेंगे नहीं। तब राजेंद्र राठौड़ ने आपत्ति जताते हुए कहा, इस तरह केंद्रीय गृहमंत्री का नाम नहीं लिया जा सकता। इस पर मंत्री धारीवाल ने कहा, बात साफ है, पैसा दिया था तो हिसाब मांगा ही जाएगा।
विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा, घर के झगड़े को दूसरों के माथे मारने की कोशिश न करें। अगर मंत्री कहे कि उनकी बात सुनी नहीं जाती, उनकी बातों का सम्मान नहीं होता तो इसमें हम क्या कर सकते हैं? क्या मेरी पार्टी से, मेरी दिल्ली की पार्टी से आदेश लेकर गए थे?
सदन में सीएम अशोक गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर हमला बोलते हुए कहा, नेता प्रतिपक्ष का नया रूप देखने को मिल रहा है। मुझे विपक्ष के नेता द्वारा की गई टिप्पणियों की उम्मीद नहीं थी। उनके तर्कों को मैं खारिज करता हूं। कोरोना की स्थिति के बारे में आपने जो कहा, मैं उससे निराश हूं। प्रधानमंत्री ने खुद कहा था, कोरोना के खिलाफ लड़ाई के मामले में राजस्थान एक आदर्श राज्य है। मैंने पीएम से इसकी लड़ाई के लिए राजस्थान की सराहना करने को नहीं कहा। भीलवाड़ा मॉडल को सभी ने सराहा है।
गहलोत ने कहा, बीजेपी देश में डेमोक्रेसी को तोड़ने का नंगा नाच कर रही है। गहलोत ने गुलाबचंद कटारिया से कहा, शायद आपकी पार्टी के कुछ नेता आपको जानकारी नहीं देते हैं। इन्हें छिपकर दिल्ली जाना पड़ रहा है। छिपकर राजनीति तभी होती है, जब कोई षडयंत्र था। बीजेपी में नए-नए लोग मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हो गए हैं।
अशोक गहलोत ने बीजेपी नेताओं से ये भी कहा, आपके हाईकमान ने तय कर रखा है कि सरकार गिराकर कर रहेंगे, लेकिन मैं भी कहता हूं, किसी भी कीमत पर सरकार को गिरने नहीं दूंगा। मोदी और शाह दो लोग राज कर रहे हैं। ये डेमोक्रेसी है क्या? कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की बात करते हैं, पहले कांग्रेस का इतिहास पढ़ो। आप लोगों की आंखे खुल जाएंगी। नेहरू दस-दस जेल में रहे।
जयपुर: राजस्थान की पूर्व सीएम और भाजपा नेता वसुंधरा राजे और कांग्रेस नेता सचिन पायलट विधानसभा पहुंचे।
Jaipur: Former Rajasthan CM BJP leader Vasundhra Raje and Congress leader Sachin Pilot arrive at #Rajasthan Assembly. pic.twitter.com/R2bFHMSKZP
— ANI (@ANI) August 14, 2020
बसपा ने जारी किया व्हिप
इसी बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपने 6 विधायकों को व्हिप जारी कर कहा है कि, वे सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने पर कांग्रेस के खिलाफ वोट करें।
Rajasthan: Bahujan Samaj Party (BSP) issues whip to six party MLAs, directing them to vote against Congress in "any No Confidence-Motion". pic.twitter.com/4VF5dAG8An
— ANI (@ANI) August 13, 2020
राजस्थान कांग्रेस ने 2 विधायकों का निलंबन रद्द किया
गहलोत सरकार के खिलाफ बागी तेवर दिखाने वाले पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और विधायक भंवरलाल शर्मा के निलंबन को कांग्रेस पार्टी ने वापस ले लिया है। AICC के महासचिव अविनाश पांडे ने ट्वीट कर कहा, विचार विमर्श के बाद राजस्थान कांग्रेस के विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह का निलंबन रद्द कर दिया गया है। बता दें कि, कांग्रेस द्वारा राजस्थान में गहलोत सरकार को गिराने की साजिश करने का आरोप लगने के बाद दो विधायकों को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया गया था। पार्टी ने लीक हुए ऑडियो टेप का उल्लेख करते हुए कहा, टोंक विधायक सचिन पायलट के साथ दो विधायकों ने बीजेपी के साथ मिलकर एक षड्यंत्र रचा।
गौरतलब है कि, 200 सीटों वाली राजस्थान की विधानसभा में 107 का आंकड़ा कांग्रेस के पास है और कई निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन मिला हुआ है। बीजेपी के पास सहयोगी दलों सहित कुल 76 का आंकड़ा है, लेकिन हाल ही में हुए मनमुटाव और राजनीतिक उठापटक के बाद बहुमत साबित करना इतना आसान नहीं होगा।
Created On :   14 Aug 2020 9:01 AM IST