आँख के ऑपरेशन का क्लेम देने से निवा बूपा ने कर दिया इनकार

Niva Bupa refused to give claim for eye operation
आँख के ऑपरेशन का क्लेम देने से निवा बूपा ने कर दिया इनकार
बीमित का आरोप: सारे दस्तावेज देने के बाद भी किया जा रहा गोलमाल आँख के ऑपरेशन का क्लेम देने से निवा बूपा ने कर दिया इनकार

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बीमा करते वक्त बीमा कंपनियाँ सौ फीसदी क्लेम देने का वादा करती हैं पर जब बीमित को लाभ देने की बारी आती है तो बीमा कंपनियाँ अपने हाथ खड़े कर लेती हैं। यह आरोप पॉलिसी धारको ने लगाए हैं। बीमित को अस्पताल में भर्ती होने के दौरान कैशलेस की आवश्यकता होती है पर बीमा कंपनी अपनी शर्तों का दरकिनार करते हुए कैशलेस से इनकार कर देती है। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद जब बीमारी का बिल बीमा कंपनी में सबमिट करते हैं तो तरह-तरह की क्वेरी निकाल ली जाती हैं। यहाँ तक की बीमा कंपनी का उद्देश्य बन गया है कि बीमित को हर हाल में हताश करने के बाद क्लेम रिजेक्ट करना है और ऐसा ही वर्तमान में बीमा कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर में न सही जवाब मिलता है और न ही जिम्मेदार अधिकारी सही उत्तर देते हैं। अब पॉलिसी धारक बीमा कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हैं।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ 

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर मोबाइल नंबर - 9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

चार वर्ष से संचालित हो रही बीमा पॉलिसी

छतरपुर निवासी निशार खान ने अपनी शिकायत में बताया कि बैंक के माध्यम से निवा बूपा से हेल्थ पॉलिसी कराई थी। यह ग्रुप पॉलिसी है और प्रतिवर्ष प्रीमियम भी जमा करते आ रहे हैं। सितम्बर 2022 में आँख में दिक्कत आने के कारण निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ा। इलाज के दौरान चिकित्सकों ने सलाह दी थी कि ऑपरेशन कराना पड़ेगा। निशार ने इलाज के दौरान बीमा कंपनी में कैशलेस के लिए मेल कराया तो बीमा कंपनी ने पॉलिसी क्रमांक 50052300202001 में कैशलेस से इनकार कर दिया। बीमित का आरोप है कि आँख के ऑपरेशन का पूरा भुगतान स्वयं को करना पड़ा। उपचार के बाद बिल व रिपोर्ट बीमा कंपनी में सबमिट किए तो बीमा अधिकारियों ने परीक्षण उपरांत अनेक क्वेरी निकालीं। बीमा कंपनी को दोबारा बिल सबमिट किए गए और क्लेम डिपार्टमेंट व सर्वेयर टीम के सदस्यों ने जल्द ही भुगतान करने का दावा किया था। बीमित लगातार संपर्क करता रहा और अचानक जिम्मेदार अधिकारियों ने क्लेम के भुगतान से इनकार कर दिया। पॉलिसी धारक ने सारे तथ्य रखे पर बीमा कंपनी उन्हें मानने के लिए तैयार नहीं है। पीड़ित का आरोप है कि वे चार वर्ष से पॉलिसी चला रहे हैं और उसके बाद भी गोलमाल किया जा रहा है, जबकि नियम के अनुसार भुगतान करने की जिम्मेदारी कंपनी की है। 
 

Created On :   23 Dec 2022 2:03 PM GMT

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