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पांच लाख में बेचा जाता था नाबालिगों को, राजस्थान से लौटी पुलिस को लगे महत्वपूर्ण सुराग
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। नाबालिग किशोरियों व गरीब युवतियों को झांसा देकर गिरोह राजस्थान में पांच लाख रूपये तक में बेचता था। यह खुलासा राजस्थान से लौटे पुलिस दल ने किया है। जबलपुर में पिछले कई सालों से मानव तस्करी का धंधा चल रहा था। अब तक इस गिरोह ने बड़ी संख्या में न केवल नाबालिग बल्कि युवतियों को भी बेचा है। इस गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ने के लिए राजस्थान गए दल के हाथ महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं। यह गिरोह युवतियों एवं नाबालिग लड़कियों को दो से पाँच लाख रुपये में बेच देता था। पुलिस को आरोपियों से की गई पूछताछ में यह भी पता चला है कि नाबालिगों के रेट दो से पाँच लाख थे जबकि बड़ी उम्र की युवतियों को एक लाख से दो लाख रुपये में बेचा जाता था। जिस गोलू उर्फ विजय वर्गीय ने अधारताल की 19 साल की युवती को दो लाख में खरीदा था उसके साथ राजस्थान के दो अन्य आरोपी मानव तस्करी में लम्बे समय से लिप्त होने की बात कही जा रही है। अधारताल की जिस महिला सुनीता यादव को पकड़ा गया है उसका कहना है कि किशोरियाँ एवं महिलाएँ खुद ही उसके पास आती थीं। युवतियां अच्छी नौकरी व शादी के लिए उससे सम्पर्क करती थीं।
शादी का नाटक
जिन युवतियों को बेचा जाता था उनकी बाकायदा मंदिरों में शादी कराई जाती थी ताकि पकड़े जाने पर यह सिद्ध किया जा सके कि युवतियाँ अपनी मर्जी से शादी कर रही हैं। युवतियों को बेचे जाने के लिए जबलपुर को बड़ा सेंटर बनाया गया था।
कई राज खुलेंगे
राजस्थान आरोपियों को पकडऩे गए दल का कहना है कि आरोपी गोलू उर्फ राजेन्द्र विजय वर्गीय तथा नंद किशोर और प्रमोद अग्रवाल से युवतियों को बेचे जाने के अनेक सुराग मिलेंगे। पुलिस आरोपी सुनीता यादव, निखिल यादव और शैंकी रैकवार को रिमांड पर लेने के बाद राजस्थान गई है।
Created On :   30 May 2019 8:14 AM GMT