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हाईकोर्ट ने दी दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग को 26 सप्ताह के गर्भपात की अनुमति
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग को 26 सप्ताह के गर्भपात की अनुमति दे दी है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने राज्य सरकार को तत्काल पीड़ित के सुरक्षित गर्भपात कराने का निर्देश दिया है। युगल पीठ ने एकल पीठ के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग को गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था।
13 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ
भोपाल निवासी एक महिला की ओर से दायर रिट अपील में कहा गया कि उसकी 13 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ था। इसकी वजह से वह गर्भवती हो गई है। वर्तमान में उसे 26 सप्ताह का गर्भ है। उसकी बेटी की शारीरिक और मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह बच्चे को जन्म दे सके। इसलिए उसकी बेटी को गर्भपात की अनुमति प्रदान की जाए। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की टीम ने किशोरी का परीक्षण करने के बाद रिपोर्ट दी थी कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेसी एक्ट की धारा 3 के अनुसार किशोरी को गर्भपात की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
एकल पीठ ने याचिका खारिज कर किया था इनकार
एकल पीठ ने याचिका खारिज करते हुए गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके खिलाफ रिट अपील दायर की गई। रिट अपील की प्रांरभिक सुनवाई के बाद युगल पीठ ने गांधी मेडिकल कॉलेज के मेडिकल बोर्ड से दो दिन में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। मेडिकल बोर्ड की ओर से पेश रिपोर्ट में कहा गया कि किशोरी का गर्भपात करना सुरक्षित नहीं है। किशोरी की शारीरिक और मानसिक हालत ऐसी नहीं है कि वह बच्चे को जन्म दे सके। यदि किशोरी का गर्भपात कराना है तो तत्काल चिकित्सकीय उपाय अपनाने होंगे। रिपोर्ट देखने के बाद युगल पीठ ने दुष्कर्म पीडि़त किशोरी के गर्भपात की अनुमति दे दी। राज्य सरकार को गर्भपात के लिए जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए गए है।
Created On :   20 July 2019 2:01 PM IST