डिजिटलीकरण की अनिवार्यता पर जोर- 93 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा- डिजिटलीकरण फायदेमंद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए डिजिटलीकरण को अनिवार्यता के रूप में पहचान की गई है। नेटहेल्थ और प्रबंधन परामर्श फर्म आर्थर डी लिटिल (एडीएल) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि देश में निजी क्षेत्र के हेल्थकेयर कंपनियों के लिए डिजिटलीकरण को अपनाने की तत्काल जरूरत है। रिपोर्ट के मुताबिक 93 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि डिजिटलीकरण फायदेमंद है, लेकिन 7 प्रतिशत प्रदाताओं ने सभी परिचालन उपयोग के मामलों में डिजिटलीकरण को अपनाया है। एडीएल के मैनेजिंग पार्टनर बार्निक चित्रन मैत्रा कहते हैं कि भारतीय स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के उपभोक्ता बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण के लिए तैयार हैं। बड़े खिलाड़ी आंतरिक डिजिटल सिस्टम और डेटा को साझा करने से घबराते हैं। छोटे खिलाड़ी डिजिटलीकरण को एक अतिरिक्त लागत के रूप में देखने के लिए प्रतिरोधी हैं, जबकि कुछ डर विनियामक जांच में वृद्धि करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी अस्पतालों और डायग्नोस्टिक केन्द्रों के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन अनुपालन सॉफ्टवेयर के उपयोग को अनिवार्य करें, जिसमें उन्हें गुणवत्ता मान्यता से जोड़ना शामिल है।
Created On :   22 March 2023 7:52 PM IST