चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित, यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज शुरू करने में राजस्थान पहला राज्य!
डिजिटल डेस्क | चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित, यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज शुरू करने में राजस्थान पहला राज्य, मिलेगी 5 लाख रूपये तक की वार्षिक चिकित्सा सुविधा, कोरोना प्रबंधन में अग्रणी है राजस्थान, पीपीपी मोड पर दिये स्वास्थ्य केन्द्रों का नहीं होगा नवीनीकरण, आमजन को जल्द मिलेगा राइट टू हैल्थ -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री| चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके लिए यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस से हर परिवार को 5 लाख रूपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश की आम-आवाम को निरोगी बनाने के लिए राजस्थान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाया जा रहा है। हर जिले की एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को मॉडल बनाया जायेगा। उन्होेंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने जिन स्वास्थ्य केंद्रों को पीपीपी मोड पर दिया था, उनका नवीनीकरण नहीं करके स्वयं राज्य सरकार चलायेंगे। डॉ. रघु शर्मा बुधवार को विधानसभा में मांग संख्या 26 (चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई) की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।
चर्चा के बाद सदन ने चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई की 121 अरब 19 करोड़ 26 लाख 35 हजार रूपये की अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दी। डॉ. शर्मा ने सदन में अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 44 हजार स्वास्थ्य मित्रों का चयन कर प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब शहरी क्षेत्रों में भी ऐसा ही किया जायेगा। यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज शुरू करने में राजस्थान पहला राज्य उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के सर्वजन के लिए स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के संकल्प को साकार करने के लिए राजस्थान ने सबसे पहले पहल की। मुख्यमंत्री ने देश में पहली बार यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज को लागू किया है।
आगामी वर्षों में 3 हजार 500 करोड़ रूपये की लागत से प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपये की चिकित्सा बीमा सुविधा उपलब्ध होगी। प्रदेश को चिकित्सा में अग्रणी लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की भावना अनुरूप वर्तमान बजट में ’राजस्थान मॉडल ऑफ पब्लिक हैल्थ’ लागू करने की घोषणा की गयी है। मिलेगी 5 लाख रूपये तक की वार्षिक चिकित्सा सुविधा चिकित्सा मंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में एनएफएसए एवं एसईसीसी ( सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना-2011 ) परिवारों के साथ-साथ समस्त संविदाकर्मियों, लघु एवं सीमांत कृषकों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
वहीं, अन्य परिवारों को बीमा प्रीमियम की 50 प्रतिशत राशि पर ( अर्थात लगभग 850 रुपये वार्षिक खर्च पर ) सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों में केशलेस इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक की वार्षिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इस योजना में लाभार्थियों का दायरा बढ़ाकर लगभग 1 करोड़ 10 लाख परिवारों को योजना में शामिल किया गया है। इलाज के लिए पोर्टेबिलिटी की सुविधा उन्होंने बताया कि देश के अन्य हिस्सों में भी इलाज के लिए कवरेज का लाभ मिलेगा। इसके लिए पोर्टेबिलिटी की सुविधा देकर अन्य राज्यों के प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना से जुड़े अस्पतालों में प्रदेश के लाभार्थी और अन्य राज्यों के लाभार्थियों को राजस्थान में निःशुल्क उपचार मिल सकेगा।
इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से विकसित प्लेटफार्म से लागू किया जायेगा। पारदर्शिता बरतने और फ्रॉड रोकने के लिए टीपीए की व्यवस्था लागू की है। आईटी ऐनेबल्ड किया गया है। क्लेम प्रोसेसिंग को सुगम बनाने एवं फ्रॉड को रोकने के लिए भी सॉफ्टवेयर में कई प्रावधान किये गये है। राइट टू हैल्थ का प्रारूप तैयार मंत्री शर्मा ने बतााया कि राइट टू हैल्थ केयर बिल का प्रारूप विभाग ने तैयार कर लिया है। इसे जल्द कानूनी रूप दिया जायेगा।
कोरोना प्रबंधन में अग्रणी है राजस्थान उन्होंने कहा कि प्रदेश के कोरोना प्रबंधन को प्रधानमंत्री ने भी प्रशंसा की। प्रदेश में देश की सबसे अधिक रिकवरी रेट 98.60 प्रतिशत है। बड़े राज्यों की तुलना में सबसे कम मृत्यु का प्रतिशत 0.86 प्रतिशत ही है। प्रदेश में 9 मार्च तक 64 लाख 38 हजार 485 जांच हो चुकी है। उपचार सुविधा 429 चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध करवायी गयी। इसी प्रकार 42 हजार 886 आईसोलेशन बैड, 11 हजार 815 ऑक्सीजन सपोर्टेड बैड, 3 हजार 170 आईसीयू बैड एवं 2020 वेंटिलेटर्स की सुविधा उपलब्ध करायी गयी।
Created On :   11 March 2021 2:59 PM IST