नाबालिग को घर में काम पर रखने के आरोप में दंपति के खिलाफ दर्ज आपारधिक मामला रद्द
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की को घर पर काम पर रखने के आरोप में एक दंपति के खिलाफ दर्ज किए गए आपारधिक मामले को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि मामले को लेकर दायर किए गए आरोपपत्र से इस बात का खुलासा नहीं होता है कि दंपति ने पीड़ित 16 साल की लड़की को अपने बंधन में रखकर काम पर रखा था अथवा उसकी कमाई को रोका था अथवा उससे कोई खतरनाक काम करावाया था। मामले से जुड़े तथ्य दर्शाते है कि नाबालिग लड़की सिर्फ दंपति के बच्चों के साथ खेलने के लिए आया करती थी। इसलिए इस मामले में किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 79 के तहत मामला नहीं बनता है। ऐसे में आरोपी दंपति के खिलाफ मुकदमा चलाना पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। मामला बोरवली इलाके में रहनेवाले सरेश पटेल व उनकी पत्नी से जुड़ा है। बोरीवली की कस्तुरबा मार्ग पुलिस स्टेशन ने दंपति के खिलाफ किशोर न्याय कानून की धारा 79 के तहत 20 जनवरी 2019 को एफआईआर दर्ज की थी। फिर जांच के बाद आरोपपत्र दायर किया था। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर दंपति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
याचिका में दंपति ने दावा किया था कि उन्होंने नाबालिग लड़की को अपने यहां पर काम पर नहीं रखा था। लड़की की मां ने बदले की भावना के चलते उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। हालांकि सरकारी वकील ने कहा कि मामले को लेकर आरोपपत्र दायर किया जा चुका है। इसलिए एफआईआर को रद्द न किया जाए। किंतु खंडपीठ ने कहा कि आरोपपत्र के अवलोकन से अपराध का खुलासा नहीं होता है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा चलाना घोर अन्याय होगा। इस तरह खंडपीठ ने दंपति के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर व आरोपपत्र को रद्द कर दिया जाए।
Created On :   5 Feb 2023 4:08 PM IST