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बर्ड फ्लू - परिंदों से सभी बनाएँ दूरी रादुविवि प्रशासन ने आदेश जारी कर कर्मचारियों के अलावा छात्रों को भी दिए निर्देश
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डिजिटल डेस्क जबलपुर । प्रदेश के करीब 3 दर्जन जिलों में पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद रादुविवि प्रशासन ने आदेश जारी कर कर्मचारियों व छात्रों को मृत मिलने वाले पक्षियों से दूरी बनाए रखने कहा है। सभी विभागों को जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि किसी भी मृत पक्षी के मिलने पर तत्काल उसकी जानकारी विवि प्रशासन को दी जाए, ताकि समय पर उसकी सूचना पशु चिकित्सा विभाग को भेजी जा सके। विवि के कुलसचिव दीपेश मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में मृत पाए गए पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है, इसलिए यह सुरक्षात्मक कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि करीब 50 एकड़ में फैले विवि परिसर में काफी हरियाली और विभिन्न प्रजाति के पक्षी वहाँ पर हमेशा आते हैं। कोरोना काल में बर्ड फ्लू को रोकने यह निर्णय लिया गया है।
पक्षियों की मौत के मामलों में आई कमी
जिले में पक्षियों की लगातार हो रही मौत के मामलों में गिरावट आने के बाद पशु चिकित्सा विभाग ने राहत की साँस ली है। कुछ जिलों में मृत पाए गए पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद से विभाग द्वारा भेजे गए सैम्पल निगेटिव पाए गए थे।
नियमों का उल्लंघन कर रहे कोचिंग संस्थान
शासन द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की माँग करते हुए एनएसयूआई ने जिला कलेक्टर ने नाम पर ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर विराज यादव, चित्रांश पटेल, पार्थ शर्मा, कुणाल खटीक आदि मौजूद थे।
स्थायी मछली उत्पादन पर प्रशिक्षण शुरू
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा वित्तपोषित अनुसूचित जाति के हितग्राहियों के लिए मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय एवं संचालनालय विस्तार सेवाएँ द्वारा संयुक्त रूप से स्मार्ट एकवाकचर तकनीक द्वारा स्थायी मछली उत्पादन विषय पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ गुरुवार को किया गया। 25 जनवरी तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में 20 प्रशिक्षणार्थियों को मत्स्य पालन एवं संवर्धन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। कुलपति डॉ. एसपी तिवारी के मार्गदर्शन में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद््घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता संकाय एवं अधिष्ठाता डॉ. आरपीएस बघेल मुख्य अतिथि, वरिष्ठ प्राध्यापक एवं मत्स्य प्रक्षेत्र प्रभारी डॉ. एसके महाजन, संचालन विस्तार सेवाएँ डॉ. सुनील नायक, आईपीआरओ डॉ. एके गौर, आईसीएआर नोडल अधिकारी डॉ. एपी सिंह, प्रशिक्षण की संयोजक डॉ. सोना दुबे आदि की उपस्थिति रही। बीते 3 दिनों में कुल 3 ही पक्षियों की मौत हुई है। उपसंचालक डॉ. सुनीलकान्त बाजपेयी के अनुसार भले ही पक्षियों की मौत के मामलों में कमी आई है लेकिन फिर भी विभाग द्वारा पूरी एहतियात बरती जा रही है।
Created On :   22 Jan 2021 3:43 PM IST