स्टेशन पर यात्रियों को मिली 24 घंटे अकस्मिक चिकित्सा सुविधा, एमरजेंसी मेडिकल क्लीनिक शुरू

24 hour emergency medical facility to passengers at railway station
स्टेशन पर यात्रियों को मिली 24 घंटे अकस्मिक चिकित्सा सुविधा, एमरजेंसी मेडिकल क्लीनिक शुरू
स्टेशन पर यात्रियों को मिली 24 घंटे अकस्मिक चिकित्सा सुविधा, एमरजेंसी मेडिकल क्लीनिक शुरू

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मुख्य रेलवे स्टेशन पर अब यात्रियों को चौबीसों घंटे अकस्मिक चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। जहां अनुभवी चिकित्सक परामर्श के साथ दवाएं भी देंगे। यह बात डीआरएम डॉ. मनोज सिंह ने प्लेटफॉर्म नं. 1 के यात्री प्रतीक्षालय में प्रारंभ किए गए एमरजेंसी मेडिकल क्लीनिक के उदघाटन अवसर पर कही। स्टेशन पर तैयार किए गए अस्पताल को सिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के सहयोग से प्रारंभ किया गया है। इस मौके पर रेल अस्पताल की सीएमडी डॉ. एचके श्रीवास्तव ने बताया कि आज से जबलपुर रेलवे स्टेशन पर रेल यात्रियों और उनके परिजनों के लिए चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिसमें यात्रा के दौरान दुर्घटनाग्रस्त मरीजों के लिए नि:शुल्क चिकित्सीय सहायता और प्राथमिक इलाज, मरीजों को सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क पर परामर्श व दवाओं के वितरण के साथ प्राइवेट अस्पताल, सिटी हॉस्पिटल द्वारा सीएसआर के तहत स्वैच्छिक चिकित्सा व्यवस्था प्रदान की जा रही है। इस अवसर पर डॉ. केएस सेठी, डॉ. नवीन शर्मा, डॉ. अंकित फुसकेले, डॉ. पीयूष जैन, डॉ. राजेश नंदवानी, डॉ. केपी गुप्ता आदि मौजूद थे।

रेल मजदूर संघ ने दिलाया अधिकार

ट्रैक मेन्टेनर्स को अधिकार दिलाने के लिए वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ ने ट्रैक मेन्टेनर्स को वास्तविक रूप से लाभ देने और अन्य विभागों में 10 प्रतिशत इंटेक कोटे के तहत समाहित कराने के लिए रेलवे बोर्ड स्तर पर मांग उठाई गई थी, जिसे मान्य करते हुए जबलपुर मंडल के विभागों आरएंडएम-डी,  एंडडब्ल्यू, इलेक्ट्रिकल-जी, टीआरडी, ट्रेफिक, एसएंडटी में जाने के लिए 83 पदों की अधिसूचना जारी कर दी गई है। रेल मजदूर संघ के महामंत्री अशोक शर्मा ने बताया कि अधिसूचना की शर्तों के अनुसार 38 वर्ष की आयु और 1800 रुपए ग्रेड-पे के ट्रैकमेन्टेर्स को ही अन्य विभागों में जाने वाले कर्मचारी ही पात्र हैं, जिनकी जबलपुर, भोपाल और कोटा मंंडलों में नागणन्य संख्या है। श्री शर्मा ने कहा कि ऐसी स्थिति में ट्रैकमेन्टेनर्स अन्य विभागों में जाने के अवसर से न केवल वंचित हो रहे थे बल्कि योजना का ली भी उन्हें नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में संघ के अध्यक्ष डॉ. आरपी भटनागर ने रेलवे बोर्ड स्तर पर 10 प्रतिशत इंटेक कोटे के तहत समाहित करने के लिए 38 वर्ष से घटाने और ग्रेड-पे 1800 रुपए की सीमा बढ़ाकर 2800 रुपए करने की मांग उठाई थी, ताकि ट्रैक मेन्टेनर्स को वास्तविक लाभ मिल सके। संघ के सीएम उपाध्याय, सतीश कुमार, एसएन शुक्ला आदि ने कहा है कि ट्रैकमेन्टेनर्स के हित में संघ ने लगातार संघर्ष किया है, यही वजह है  कि आरकेटीए ने डब्ल्यूसीआरएमएस का खुला समर्थन किया है। 

Created On :   27 July 2019 3:04 PM IST

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