प्लेटिनम जुबली: लैंंगिक समानता सार-तत्व में हो, केवल रूप में नहीं - उपराष्ट्रपति

लैंंगिक समानता सार-तत्व में हो, केवल रूप में नहीं - उपराष्ट्रपति
  • संसद में महिलाओं की भूमिका बहुत बड़ी है
  • लैंंगिक समानता सार-तत्व में हो
  • उपराष्ट्रपति का बयान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लैंगिक समानता पर जोर देते हुए कहा कि यदि लैगिक समानता नहीं है तो समाज में कोई भी समानता नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता किसी भी समानता का सार-तत्व है। लैंंगिक समानता सार-तत्व में होनी चाहिए, केवल रूप में नहीं और इसकी अभिव्यक्ति जमीनी वास्तविकता के रूप में होनी चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने यहां मिरांडा हाउस के प्लेटिनम जुबली संबोधन में ‘भारतीय संसद में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर बोल रहे थे। महिला आरक्षण विधेयक पारित होने को एक युगांतकारी घटना बताते हुए उन्होंने कहा कि संसद में महिलाओं की भूमिका बहुत बड़ी है और उनकी उपस्थिति अपने आप में विधानमंडलों के माहौल मंे उत्साह भर देंगी। धनखड़ ने कहा कि ये महिलाएं ही हैं, जो अपने परिवार, समाज, बच्चों और बुजुर्गों के लिए बहुत त्याग करती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “अपने जेंडर के प्रति न्याय करना मेरे जेंडर के साथ स्वत: न्याय होगा”। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा था कि जब तक भारत में महिलाएं सार्वजनिक जीवन मंे भाग नहीं लेंगी, देश का उद्धार नहीं हो सकता। आज हमारे बापू का सपना सच हो रहा है।

Created On :   2 Nov 2023 6:28 PM IST

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