जबलपुर: शहर की एयर क्वालिटी को बिगाड़ रहे अनफिट वाहन, कार्रवाई के नाम सिर्फ रस्म अदायगी

शहर की एयर क्वालिटी को बिगाड़ रहे अनफिट वाहन, कार्रवाई के नाम सिर्फ रस्म अदायगी
  • जो हाइवा, डंपर सड़कों में चलने के लायक नहीं वे भी बेखौफ दौड़ रहे
  • शहर के अंदर पाल्यूशन कन्ट्रोल में विभाग अपनी भूमिका नहीं निभा पाता है।
  • पीयूसी सेंटर संचालकाें द्वारा वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर की एयर क्वालिटी में केवल धूल, गंदगी, निर्माण साइट में उड़ती डस्ट जिम्मेदार नहीं है, शहर की सड़कों में पुराने दौड़ते वाहन भी वायु की गुणवत्ता पर असर डाल रहे हैं।

पुराने वाहनों की वजह से शहर की एयर क्वालिटी विशेष तौर पर व्यस्त चौराहों में ज्यादा खराब है। वैसे तो शहर में इन दिनों में सिविल लाइन में एयर क्वालिटी खराब है लेकिन भीड़ वाली स्थितियों में शहर के मध्य हिस्से में वाहनों से एयर क्वालिटी पर असर हो रहा है।

विशेष बात यह है कि आरटीओ जिसको इन पुराने वाहनों पर कार्रवाई करनी है, जो पाल्यूशन को बढ़ाते हैं वह केवल साल की रस्म-अदायगी के तौर पर कार्रवाई करता है। लोगों का कहना है कि परिवहन विभाग का मुख्य ध्यान हाईवे पर वाहनों को रोकने पर रहता है।

शहर के अंदर पाल्यूशन कन्ट्रोल में विभाग अपनी भूमिका नहीं निभा पाता है। जो काम परिवहन विभाग कर रहा है वही ट्रैफिक पुलिस भी कर रही है। वर्ष 2002 से 2009 के बीच जिला परिवहन में बड़ी सख्या में वाहन पंजीकृत हुए जो अब सड़क से बाहर होने के लायक हैं।

इसलिए लगाम नहीं लग सकी

प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जाँच के लिए परिवहन विभाग द्वारा मूवेबल पीयूसी सेंटर खोले गए, लेकिन इनमें बिना वाहनों की जाँच के कई पीयूसी सेंटर संचालकाें द्वारा वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है।

यही कारण है कि इन वाहनों पर लगाम नहीं कस पा रही। साथ ही जानकारों का कहना है कि परिवहन विभाग अपनी स्क्रैप पालिसी को सहज नहीं बना पाया जिसकी वजह से भी यह वाहन सड़कों से नहीं हट सके हैं।

Created On :   3 Jun 2024 1:34 PM GMT

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