बातें तो कर रहे जल संरक्षण की लेकिन काम बेढंगे, सब जानकर भी अनजान बने जिम्मेदार

बातें तो कर रहे जल संरक्षण की लेकिन काम बेढंगे, सब जानकर भी अनजान बने जिम्मेदार
कचरा डालकर निगम खुद पूर रहा छुई खदान की तलैया

डिजिटल डेस्क, जबलपुर।

नगर निगम एक तरफ तालाबों और तलैया को बचाने के लिए अभियान चलाने का दावा कर रहा है, तो दूसरी तरफ नगर निगम ही कचरा डालकर शहर की प्राचीन छुई खदान तलैया का दम घोंटने पर आमादा है। हालात ये हैं कि लगभग 3 एकड़ की तलैया में आधा कचरा भरकर उसे लेवल कर दिया गया है। अब केवल आधी तलैया ही बची है। क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि गंदे कचरे को भरकर तलैया को पूरे जाने से एक तरफ बस्ती में पानी भरेगा, वहीं संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाएगा। लोगों ने तलैया को पूरने का विरोध करना शुरू कर दिया है। उनका आरोप है कि शिकायत के बावजूद अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि कांचघर स्थित बर्न कंपनी परिसर के समीप लगभग 3 एकड़ जमीन पर छुई खदान तलैया बनी हुई है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि यह तलैया छुई मिट्टी खोदने की वजह से निर्मित हुई है।

बारिश के समय हनुमान टोरिया का पानी हमेशा छुई खदान तलैया में भरता है। इसकी वजह से क्षेत्र का भू-जल स्तर मेनटेन रहता है। पिछले दो-तीन वर्ष से नगर निगम ने छुई खदान तलैया में कचरा डालना शुरू कर दिया है। इसके कारण तलैया आधी समाप्त हो चुकी है। इसके बाद भी

तलैया में लगातार कचरा डाला जा रहा है। क्षेत्रीय नागरिकों ने नगर निगम के अधिकारियों से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।


तलैया की वजह से भू-जलस्तर रहता है मेनटेन

क्षेत्र के राजेश कुशवाहा का कहना है कि बर्न कंपनी परिसर के आसपास पेयजल की पाइप लाइन नहीं बिछाई गई है। यहाँ पर ट्यूबवेल के जरिए पानी की सप्लाई होती है। छुई खदान तलैया में पानी भरा होने के कारण वर्ष भर ट्यूबवेल से पानी मिलता है। यदि छुई खदान तलैया को पूर दिया गया तो यहाँ का भू-जलस्तर गिर जाएगा। इससे लोगों को हर वर्ष जलसंकट का सामना करना पड़ेगा।

तो बस्तियों में होगा जलप्लावन

पूर्व पार्षद संजय साहू का कहना है कि हनुमान टोरिया के बारिश का पानी छुई खदान तलैया में आकर भरता है। नगर निगम ने कचरा डालकर आधी तलैया को भर दिया है। तलैया का अस्तित्व समाप्त होने के बाद हनुमान टोरिया के बारिश का पानी आकर सीधे बस्तियों में भरेगा। इसके बारे में नगर िनगम के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

Created On :   12 May 2023 9:41 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story