जबलपुर: जिला अस्पताल में अभी भी फायर सेफ्टी नहीं, दाँव पर मरीजों की जान

जिला अस्पताल में अभी भी फायर सेफ्टी नहीं, दाँव पर मरीजों की जान
  • अधूरा काम छोड़कर बार-बार गायब हो रही कंपनी
  • पिछले साल अक्टूबर माह में शुरू हुआ था कार्य
  • मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग की भी यही स्थिति है।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। ग्वालियर स्थित एक अस्पताल के आईसीयू में लगी आग के बाद 3 लोगों की मौत ने शहर में दो वर्ष पूर्व हुए अस्पताल अग्निकांड की याद फिर ताजा कर दी है। शहर के अस्पतालों में उपचार करा रहे मरीज, अग्नि हादसे से बचाव के लिए कितने सुरक्षित हैं, यह सवाल फिर खड़ा हो गया है।

प्रमुख अस्पतालों में से एक जिला अस्पताल विक्टोरिया में मरीज फायर एक्सटिंगिशर और बाल्टियों में रखी हुई रेत के भरोसे हैं। यहाँ बीते करीब एक वर्ष से एक निजी कंपनी द्वारा अग्निशामक यंत्र एवं अन्य उपकरण लगाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन कार्य अभी भी अधूरा है।

यह कंपनी बीते कुछ माह में कई बार कार्य अधूरा छोड़कर गायब हो जाती है, जिसके चलते अंग्रेजाेें के जमाने में बने जिला अस्पताल विक्टोरिया के पुराने भवन सहित अन्य भवनों को मिलने वाली फायर सेफ्टी की सुविधा अधर में लटक गई है।

इधर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग की भी यही स्थिति है। 70 साल पुराने भवन को आधुनिक फायर उपकरणों से लैस करना प्रबंधन के लिए चुनौती से कम नहीं है। फायर ऑडिट के बाद तैयार रिपोर्ट प्रबंधन ने शासन के पास भेजी है।

देर से शुरू किया कार्य, बीच में अधूरा छोड़ा

जिला अस्पताल को फायर सेफ्टी नाॅर्म्स के मुताबिक तैयार करने के लिए ठेका कंपनी द्वारा विभिन्न वार्डों में कार्य शुरू किया गया था। पानी के लिए पाइप लाइन डाली जा रही थीं। कुछ वार्डों में पाइपलाइन पहुँच गई तो कुछ अधूरे रह गए। कई वार्डों में तोड़-फाेड़ भी की गई और सुधारा नहीं गया।

जानकारी के अनुसार एनएचएम द्वारा प्रदेश के जिला अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम लगाने का ठेका मेसर्स कीर्ति एसोसिएट्स शक्तिनगर रेणुसागर सोनभद्र, उत्तरप्रदेश को दिया था। कंपनी ने निर्धारित समय से 6 माह बाद कार्य करना शुरू किया और फिर बिना सूचना दिए कई बार कार्य अधूरा छोड़ दिया।

हो चुकी है कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की अनुशंसा

जिला अस्पताल में जोर-शाेर से शुरू हुआ काम बीते कुछ माह से बंद है। स्थिति यह है कि जो संसाधन फायर सेफ्टी के लिए लगाए गए अथवा लगाए जाने थे, वह उसी स्थिति में पड़े हुए हैं। कंपनी के इस रवैये पर जिला अस्पताल प्रबंधन नाराज है। कुछ माह पहले भी कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने और 1 लाख रुपयों का जुर्माना लगाने की अनुशंसा प्रबंधन की ओर से एनएचएम से की जा चुकी है।

जिला अस्पताल में फायर सेफ्टी उपकरण लगाने का काम एनएचएम द्वारा मेसर्स कीर्ति एसोसिएट्स शक्तिनगर रेणुसागर सोनभद्र, उत्तरप्रदेश को दिया गया था। कंपनी द्वारा बार-बार कार्य बीच में ही अधूरा छोड़ दिया जा रहा है। अगर कोई घटना हाे जाए ताे कौन जिम्मेदार होगा? इस संबंध में 14 बार पत्र दिया जा चुका है, आज फिर लिखा है।

-डॉ. मनीष कुमार मिश्रा, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल

Created On :   5 Sept 2024 1:30 PM GMT

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