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जबलपुर: जाखोदिया माइंस में हाइवा के नीचे दबने से पोकलेन ऑपरेटर की मौत के मामले की गुत्थी उलझी
- हाइवा, धर्म कांटा मौके से गायब, हेल्पर का भी कहीं पता नहीं
- हाइवा पलटने से पोकलेन मशीन आपरेटर का क्षतिग्रस्त कमरा
- जांच रिपोर्ट मिलने पर, मामले में उचित कार्यवाही की जाएगी
डिजिटल डेस्क, जबलपुर/गांधीग्राम। बुढ़ागर (गांधीग्राम) के पोषक ग्राम धमकी स्थित जाखोदिया माइंस में बुधवार शाम हाइवा के नीचे दबने से हुई पोकलेन मशीन ऑपरेटर कंधी यादव की मौत के मामले की गुत्थी उलझ गई है। शुक्रवार को खदान क्षेत्र की सीमा के अंदर स्थित वह धर्म कांटा ही मौके से गायब मिला जहां हादसा हुआ था। इसके पास बना वह कमरा जहां कंधी अपने हेल्पर के साथ मोबाइल पर बात करते हुए खाना बना रहा था, उसकी दीवार क्षतिग्रस्त मिली।
मौके पर खाद्य सामग्री, बर्तन व मृतक कंधी के जूते आदि बिखरे मिले। घटना स्थल पर वह हाइवा भी नहीं खड़ा मिला जिससे हादसा हुआ था और पोकलेन मशीन का हेल्पर भी कहीं नहीं दिखा। खदान में सुबह 10:15 बजे मौजूद कर्मचारियों ने भी हादसे के वक्त वहां न होना बताया। जाखोदिया प्रबंधन ने भी उक्त सभी बातों से अनभिज्ञता जताते हुए हर सवाल का गोलमोल जवाब देते हुए हादसे व उसमें हुई कटनी जिले के बरही निवासी कंधी यादव की मौत से कंपनी का कोई सरोकार नहीं होना बताया।
गोसलपुर पुलिस को केस डायरी का इंतजार है, जो अब तक गढ़ा थाना से नहीं पहुंची है। यह बात अलग है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी शुक्रवार सुबह खदान के अंदर बदस्तूर काम चलता मिला। वह पोकलेन मशीन जिसे बुधवार शाम तक कंधी चला रहा था, वह भी खदान के मुख्य द्वार के पास स्थित लोडिंग प्वाइंट पर खनन कर लाए गए खनिज को डंपरों व हाइवा में भरती दिखी।
हाइवा पलटने से पोकलेन मशीन आपरेटर का क्षतिग्रस्त कमरा। इनसेट में खदान की वह सड़क जहां हाइवा पलटा।
जांच में विलंब से साक्ष्य मिटने का अंदेशा
गोसलपुर पुलिस गढ़ा थाने से भेजी जाने वाली केस डायरी के इंतजार में बैठी है। गढ़ा पुलिस के पास से यह अब तक नहीं भेजी गई है। उसके पास केस डायरी भेजने अभी भी 4 दिन का समय है। गढ़ा थाने में पदस्थ एसआई कोमल सिंह बागरी के अनुसार, नियमानुसार सामान्य घटनाओं में केस डायरी 3 से 7 दिन में भेजी जाती है।
इमरजेंसी में संबंधित थाना अपना वाहक भेजकर 24 घंटे में केस डायरी मंगा सकता है। फिलहाल तो गोसलपुर थाना पुलिस खदान में हुए हादसे और उसमें हुई मौत के मामले में सिर्फ इंतजार की मुद्रा में दिख रही है। जांच में हो रही लेटलतीफी तथा मौके से गायब होते साक्ष्य जरूर आगे चलकर पुलिस की राह मुश्किल करेंगे।
कंपनी प्रबंधन ने झाड़ा पल्ला
जाखोदिया माइंस एण्ड मिनरल्स के दिल्ली स्थित कार्यालय के प्रबंधक गुप्ता ने यह हादसा खदान क्षेत्र में होने से ही इंकार कर दिया। इसी तरह से अवकाश पर अपने घर गए माइंस मैनेजर/लाइजनर विनय झा ने हादसे व उसमें हुई पोकलेन मशीन ऑपरेटर की मौत से कंपनी को कोई सरोकार नहीं होने की बात कही। श्री झा के अनुसार, पोकलेन मशीन हमने ठेकेदार रोहन कुशवाहा से बुलवाई थी और उसका चालक मृतक कंधी उसी का कर्मचारी था।
मौके पर मिले कंपनी के माइंस सुपरवाइजर प्रशांत दाहिया तो हादसे को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए। खदान में काम करने वाले दीपक पांडे, अनुज यादव, सतीश बर्मन तथा सुग्रीव गोंटिया व अन्य ने शाम 7 बजे शिफ्ट खत्म होने पर घर जाने की बात कहते हुए मामले से अनभिज्ञता जताई, जबकि हादसा भी शाम 7 बजे ही हुआ है।
कुछ कर्मचारियों ने जरूर नाम न छापने की शर्त पर पोकलेन ऑपरेटर कंधी तथा उसके हेल्पर साथी के धर्मकांटा के पास स्थित कमरे में मौजूद होने की बात कहते हुए बताया कि जिस समय वहां हादसा हुआ, हेल्पर शाम को वहां खाना बना रहा था और कंधी मोबाइल देख रहा था।
खनिज महकमा भी शांत बैठा
खदान में हादसा हुए 2 दिन बीत चुके हैं लेकिन खनिज महकमा शांत बैठा है। आईबीएम तथा डीजीएमएस सहित खनिज महकमे के अफसरों की अब तक घटना स्थल पर आमद नहीं हुई है। जिला खनिज अधिकारी आर.के. दीक्षित ने इस समूचे मामले से अनभिज्ञता जताते हुए सिहोरा क्षेत्र की माइनिंग इंस्पेक्टर दीपा वारेवार से जानकारी लेने की बात कही है। एसडीएम (सिहोरा) अर्चना कुमारी ने जरूर शुक्रवार शाम खनिज निरीक्षक को मामले की जांच करने निर्देशित किया।
अर्चना कुमारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि' मेसर्स जाखोदिया माइंस एंड मिनरल्स की धमकी (गांधीग्राम) स्थित खदान में व्याप्त अव्यवस्थाओं, नियम विरूद्ध खनन एवं सुरक्षा कारणों की अनदेखी के मामले में जांच कर रिपोर्ट पेश करने खनिज निरीक्षक को आदेश दिए गए हैं।' उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने पर, मामले में उचित कार्यवाही की जाएगी।
Created On :   20 Jan 2024 6:34 PM IST