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जबलपुर: टेमर ब्रिज के जर्जर हाल, सरिया निकले, गड्ढों से हादसों का खतरा
- जल्द न सुधारा गया तो बरगी बाँध रोड पर कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना
- यही हालत बाँध के डाउन स्ट्रीम ब्रिज की, रैलिंग तक टूटी
- सुधार के लिए बीते पाँच सालों से आज तक कोई कोशिश ही नहीं हुई है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। बरगी से बरगी बाँध जाने में टेमर नदी का ब्रिज वाहन चालकों के लिए खतरा बना हुआ है। मानसून के इस सीजन में इस ब्रिज की हालत ऐसी है कि इसमें लोहे के सरिया निकल आये हैं और ब्रिज में जो गड्ढे हैं उसमें से खड़े होकर बहती नदी को भी देखा जा सकता है।
ब्रिज पर हाइवा या डंपर जैसे वाहन निकलने की दशा में किसी दिन बड़ा हादसा भी हो सकता है। बरगी बाँध के साथ यह आसपास के सैकड़ों गाँवों को जोड़ता है, क्योंकि यह मुख्य मार्ग का ब्रिज है।
इस ब्रिज की खस्ता हालत को इससे समझा जा सकता है कि इसमें सुधार के लिए बीते पाँच सालों से आज तक कोई कोशिश ही नहीं हुई है। बस जैसे-तैसे डस्ट डालकर इसके गड्ढे भरे गये जो बारिश में और फिसलन के साथ वाहन चालकों के लिए और ज्यादा खतरा पैदा करते हैं।
ब्रिज की हालत पर रानी अवंती बाई सागर परियोजना से जुड़े ईई अजय सुरे कहते हैं कि हम इसमें सुधार की कोशिश कर रहे हैं। बारिश के बाद इसकी मरम्मत की जाएगी।
रेलिंग की जगह पर बाँध दिया गया कपड़ा
टेमर ब्रिज की हालत इतनी खराब है कि पानी के बहाव में इसकी रेलिंग बह चुकी है। इसमें वाहन चालकों को सचेत करने के लिए रेलिंग की जगह कपड़े बाँधे गये हैं। सोचिए यदि ब्रिज पर कोई वाहन यदि थोड़ा भी बहका तो सीधे नदी में जाकर समा सकता है।
टेमर ब्रिज की तरह ही बरगी बाँध के गेटों के सामने जो डाउन स्ट्रीम ब्रिज है उसकी हालत भी पस्त है। इसमें गड्ढों के साथ बड़े हिस्से में रेलिंग बह चुकी है और बाँध के गेटों से ज्यादा मात्रा में पानी छोड़े जाने की दशा में इसमें निकलना मुश्किलों से भरा है।
जानकारों को कहना है कि रैलिंग टूटने के बाद विभाग को खबर की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नही हो सकी है। पुल के कुछ हिस्से में मरम्मत कार्य जरूर शुरू किया, लेकिन चंद दिनों बाद कर्मचारी दोबारा नजर नहीं आए।
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की संरचना में जितने भी ब्रिज बनाये गये हैं उनमें निर्माण के बाद किसी तरह का सुधार नहीं हो सका है। टेमर नदी के ब्रिज में बाँध से पानी छोड़ने की स्थिति में ज्यादा ट्रैफिक होता है। बाँध जाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा पायली, घंसौर और उसी रास्ते से सिवनी जाने के लिए इस मार्ग का उपयोग होता है। इसके अलावा आस-पास के सैकड़ों गाँव के लोग यहाँ से हर दिन निकलते हैं।
Created On :   31 Aug 2024 3:15 PM IST