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जबलपुर: छोटी सी शुरुआत ने रच डाले सहकार और सत्कार के नए कीर्तिमान
- यहां न कोई कर्मचारी है न ही कोई बॉस
- बेहद दिलचस्प है इंडियन कॉफी हाउस की सक्सेस स्टोरी
- तकरीबन 66 वर्ष पहले की गई एक छोटी सी शुरुआत सहकारिता और सत्कार की बेजोड़ छवि बन गई है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। इंडियन कॉफी हाउस..। जरूर किसी पसंदीदा डिश को याद करके आपके भी मुँह में पानी आ गया होगा। यही सफलता है इस रेस्त्रां चेन की, जो अपने नाम से टेस्ट, क्वालिटी के साथ मेहमाननवाजी की पहचान बन चुकी है।
तकरीबन 66 वर्ष पहले की गई एक छोटी सी शुरुआत सहकारिता और सत्कार की बेजोड़ छवि बन गई है। दरसअल, इंडियन कॉफी हाउस (आईसीएच) की शुरुआत को-ऑपरेटिव सोसाइटी के रूप में की गई थी।
बेहद कम वक्त में आईसीएच का सुकून, शालीन व्यवहार और त्वरित सेवा ग्राहकों के जेहन में रच-बस गई। नतीजतन, एक-एक कर जबलपुर में आईसीएच की अब 13 ब्रांच हो चुकी हैं।
जानकारी के अनुसार सोसायटी की सफलता का मुख्य कारण जनता का विश्वास है। आईसीएच ने क्वालिटी और टेस्ट को शुरू से अब तक मेन्टेन रखा है। दूसरी तरफ आईसीएच की दो टेग लाइन भी हैं, "कर्म ही पूजा है', और "अतिथि देवो भव:'। सोसायटी इन दोनों ही सिद्धांतों पर एक दम सटीक बैठती है।
सोसाइटी का सफरनामा
जबलपुर में आईसीएच की शुरुआत बेहद दिलचस्प रही है। महज 16 सदस्यों ने मुट्ठी भर पूँजी के साथ वर्ष 1958 में करमचंद चौक से पहली यूनिट की शुरुआत की।
सुगंधित कॉफी, स्वादिष्ट व्यंजन और उत्कृष्ट आतिथ्य सेवा के साथ किफायती दरों ने इतनी लोकप्रियता दिलाई कि शहर के तकरीबन हर हिस्से में ब्रांच शुरू हो गई।
सभी ब्रांच में एक जैसा टेस्ट आईसीएच को और खास बनाता गया। वहीं अकेले जबलपुर में आईसीएच के कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 8500 तक पहुँच गई है।
सोसाइटी द्वारा मप्र, छत्तीसगढ़ सहित 20 राज्यों में 174 शाखाएँ चलाई जा रही हैं। इनमें कई औद्योगिक कैंटीन और गेस्ट हाउस शामिल हैं। बैंगलोर में 4 शाखाएँ खोली गईं।
न कोई कर्मी, न कोई बॉस, हम सहकार
आईसीएच को देश में सहकारी आंदोलनों में एक चमकदार उदाहरण माना गया है। जानकार कहते हैं कि यह विशुद्ध रूप से एक श्रमिक सहकारी समिति है। इसमें न कोई कर्मचारी है और न कोई बॉस..। आईसीएच पूरी तरह से अपने कर्मचारियों के स्वामित्व और नियंत्रण में है। सभी कार्यकर्ता सोसाइटी के सदस्य हैं।
क्वालिटी के साथ हाइजेनिक भी
जानकारी के अनुसार आईसीएच ने गुणवत्ता और हाईजीन के साथ अतिथि सेवा में एक ब्रांड इमेज बनाई है। यही वजह है कि आईसीएच के कस्टमर हर एक सेक्टर, हर एक एज के हैं। प्रोफेसर, डॉक्टर, अधिवक्ता से लेकर छात्र, व्यवसायी, राजनीतिज्ञ, अधिकारी नियमित ग्राहकों में शामिल हैं।
हमारा मकसद मुनाफा नहीं
संस्था का मकसद मुनाफा कमाना नहीं रहा है। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के साथ हमारा उद््देश्य ग्राहकों की संतुष्टि पर रहा है। यही वजह है कि आईसीएच को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकाॅर्ड्स लंदन यूके द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
ओके राजगोपालन, अध्यक्ष आईसीएच को-ऑपरेटिव सोसाइटी
Created On :   13 Feb 2024 2:41 PM IST