जबलपुर: वेयर हाउस में 96 की खरीदी दिखाई लेकिन मिली 50 हजार क्विंटल धान

वेयर हाउस में 96 की खरीदी दिखाई लेकिन मिली 50 हजार क्विंटल धान
  • बाकी सड़ी और बेकार धान भरने की थी तैयारी
  • ऐसे मामले एक नहीं अनेक वेयर हाउसाें में हुए
  • कुंडम का भी सामने आ रहा एक मामला

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पनागर के बरौदा में चंसोरिया वेयर हाउस में मिली 10 हजार क्विंटल घटिया धान का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इसमें एक चौंकाने वाली बात जाँच में सामने आई है कि वेयर हाउस में करीब 96 हजार क्विंटल धान की खरीदी दिखाई गई थी और जब मौके पर जाँच हुई तो वहाँ 50 हजार क्विंटल के लगभग धान मिली।

बाकी की धान वैसे ही जुटाई जाती जिस प्रकार 10 हजार क्विंटल सड़ी हुई धान रखी जा रही थी। कहा जा रहा है कि एक गैस एजेंसी के सामने भी इसी वेयर हाउस की सड़ी हुई धान रखी पाई गई है। कुंडम के तिलसानी में भी इसी प्रकार का एक मामला सामने आ रहा है।

विगत दिनों पनागर की एक पटवारी वनीता नेमा ने कलेक्टर दीपक सक्सेना को शिकायत दी थी कि बरौदा के चंसोरिया वेयर हाउस में अवकाश के दिन बिना किसी सूचना के 10 हजार क्विंटल से अधिक घटिया धान की खरीदी की जा रही थी।

इसके बाद कलेक्टर ने जाँच के आदेश दिए और दो दिन से जाँच दल लगातार वेयर हाउस की जाँच में जुटा है। ऐसे में एक नया खुलासा यह हुआ कि यहाँ 96 हजार क्विंटल से अधिक धान की ऑनलाइन खरीदी दिखाई गई और जब जाँच हुई तो वेयर हाउस में 50 हजार क्विंटल के लगभग धान मिली।

वेयर हाउस संचालक ने कुछ धान पास की एक गैस एजेंसी के पास रखी होने की जानकारी दी। पता चला है कि वहाँ रखी धान भी नाॅन एफएक्यू यानी घटिया क्वाॅलिटी की है।

तो जिम्मेदार सो क्यों रहे

केवल एक पटवारी ने यदि इस मामले को नहीं उठाया होता तो बाकी के अधिकारी सब खामोश क्यों रहे। एसडीएम से लेकर जेएसओ और वेयर हाउसिंग, सहकारिता के अधिकारी कहाँ सो रहे हैं। सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है फिर भी हर तरफ चुप्पी समझ से परे है।

जिस समिति के जरिए खरीदी हुई उस पर भी अंगुली उठ रही है और यह तो केवल एक वेयरहाउस का मामला है जब पूरे जिले में 36 वेयरहाउस का मामला चल रहा था, तब समितियों के जरिए इसी प्रकार की मनमानी करते हुए वेयर हाउस भर लिए गए। उनकी जाँच और भौतिक सत्यापन होगा भी कि नहीं यह किसी को नहीं पता।

अभी भी वेयरहाउस सील नहीं हुआ

कई अधिकारी इस मामले में आश्चर्य जता रहे हैं कि इतनी बड़ी अनियमितता के बाद भी वेयरहाउस को सील नहीं किया गया है। इस तरह उसे या तो मौका दिया जा रहा है या फिर जो होना था वह हो चुका है। सवाल इस बात पर भी उठ रहे हैं कि पटवारी ने 1 सप्ताह पहले सूचना दी थी और जाँच के आदेश के लिए 1 हफ्ते का इंतजार किया गया, तब तक काफी मात्रा में धान का जमाव वहाँ कर लिया गया।

कुंडम में भी खरीदी घटिया धान

बताया जाता है कि कुंडम के तिलसानी में चंसोरिया वेयर हाउस की तरह का ही मामला सामने आया है। यहाँ भी हजारों क्विंटल अमानक धान की खरीदी की गई है। अधिकारियों का कहना है कि जाँच के बाद ही पूरी हकीकत सामने आएगी।

जिन वेयर हाउसों का मामला अभी सामने नहीं आ रहा है, वहाँ रखी धान को साल-दो साल बाद कह दिया जाएगा कि धान खराब हो गई और फिर उसे नीलाम कर दिया जाएगा। इस प्रकार करोड़ों रुपए की कमाई हो जाएगी लेकिन सरकार के हाथ कुछ नहीं लगेगा।

Created On :   23 Jan 2024 2:14 PM GMT

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