- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- औपचारिकता बनी बिजली दरें बढ़ाने के...
जबलपुर: औपचारिकता बनी बिजली दरें बढ़ाने के लिए होने वाली जनसुनवाई
- बिजली 3.86 फीसदी महँगी करने की तैयारी
- आपत्ति जबलपुर में सिर्फ 5 और मप्र में 150
- 2 करोड़ उपभोक्ता, कोरोनाकाल के बाद से हो रही है ऑनलाइन
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पाँच साल पहले उपभोक्ता को जो बिजली औसतन 4.89 रुपए प्रति यूनिट मिलती थी, वह अब औसत 6.59 रुपए प्रति यूनिट हो गई है। इसके बाद भी बिजली फिर 3.86 फीसदी महँगी करने की तैयारी है। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि बिजली दरें बढ़ाने हेतु होने वाली जनसुनवाई भी सिर्फ औपचारिकता ही रह गई है।
पूरे मप्र में करीब 2 करोड़ से अधिक उपभोक्ता हैं, इनमें से मप्र में करीब 150 ही टैरिफ पर आपत्ति दर्ज कराते हैं। वहीं जबलपुर में केवल पाँच लोगों ने ही आपत्तियाँ दर्ज की हैं। हर साल एक परंपरागत तरीके से सुनवाई होती है।
आपत्तिकर्ता और सुनवाई करने वाले लोग सब वही के वही हैं और बिजली महँगी हो जाती है। इस मामले का एक पहलू यह भी है कि 2000 के दशक में जब जस्टिस शचींद्र द्विवेदी विद्युत नियामक आयोग के प्रथम अध्यक्ष थे, उन्होंने जनसुनवाई शुरू कराई थी।
इसके बाद भोपाल के रवींद्र भवन में नए टैरिफ को लेकर सुनवाई होती थी और हॉल में बहस होती
थी। बाद में हर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी के मुख्यालय पर होने लगी और 2020 में कोरोना के कारण जो ऑनलाइन सुनाई शुरू हुई, वह अब भी जारी है।
आपत्ति दर्ज कराने में उपभोक्ता नहीं लेते रुचि
जानकारी के अनुसार 2046 करोड़ रु. के घाटे की भरपाई के लिए बिजली कंपनी ने अगले वित्तीय वर्ष में बिजली दरों में 3.86 फीसदी की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा है। इस पर आपत्ति बुलाने के लिए विद्युत नियामक आयोग ने 31 जनवरी आखिरी तारीख तय की है।
इस आपत्ति और सुनवाई को लेकर ज्यादातर उपभोक्ता रुचि नहीं लेते। हालत यह है कि हर साल औसतन सिर्फ 20 उपभोक्ता ही आपत्ति दर्ज कराते हैं। 29 जनवरी को जबलपुर में और 30 जनवरी को इंदौर एवं 31 जनवरी को भोपाल में सुनवाई होगी।
मप्र में पहले से ही अधिक दर
अन्य राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश में पहले से ही बिजली महँगी है। बिजली मामलों के जानकार राजेन्द्र अग्रवाल बताते हैं कि अन्य कई राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश में बिजली पहले से ही 10 फीसदी तक महँगी है। बिजली कंपनियाँ यदि कुप्रबंधन दूर कर लें तो यहाँ भी दरें काफी कम की जा सकती हैं।
उपभोक्ताओं को यह जानना जरूरी
बिजली कंपनी ने 55072 करोड़ रु. की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) बताई है। मौजूदा बिजली दरों से अनुमानित आय 53026 करोड़ बताई गई है। एआरआर और अनुमानित आय में 2046 करोड़ का अंतर है। घरेलू दरों के लिए 465 करोड़, कृषि के लिए 819 करोड़ और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 321 करोड़ रु. बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया गया है।
किस क्षेत्र में कितने उपभोक्ता
मध्य क्षेत्र 3,67,883
पूर्व क्षेत्र 48,45,525
पश्चिम क्षेत्र 1,23,93711
Created On :   18 Jan 2024 7:03 PM IST