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जबलपुर: पीएसएम के प्राचार्य को संभागायुक्त ने किया सस्पेंड, जाँच के बाद निर्णय
- पद के दुरुपयोग सहित मनमानी और कदाचरण के भी लगे थे आरोप
- कई अन्य मामलों में भी जाँच कराई की गई थी।
- टीम गठित की और जाँच के बाद रिपोर्ट संभागायुक्त को सौंपी जिस पर कार्रवाई की गई।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शासकीय प्रगत शिक्षा संस्थान यानी पीएसएम के प्राचार्य डॉ. रामकुमार स्वर्णकार को जाँच के बाद सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई संभागायुक्त अभय वर्मा ने की है।
प्राचार्य के खिलाफ न केवल पीएसएम की व्याख्याता ने शिकायत की थी बल्कि कई अन्य मामलों में भी जाँच कराई की गई थी। संभागायुक्त ने अपने आदेश में साफ कहा है कि प्राचार्य ने न केवल पद का दुरुपयोग किया बल्कि उनका आचरण भी कदाचरण की श्रेणी में आता है। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाता है।
संभागायुक्त अभय वर्मा को प्रेषित एक शिकायत में प्रगत शैक्षिक अध्ययन संस्थान की व्याख्याता डॉ. ज्योति खरे ने आरोप लगाया था कि संस्थान के प्राचार्य डॉ. रामकुमार स्वर्णकार उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।
अधिकार न होते हुए भी उन्होंने परिनिन्दा की शास्ति से दंडित किया था। शिकायत के बाद संभागायुक्त ने जाँच के लिए संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा रोहित सिंह कौशल को अधिकृत किया, जिसके बाद श्री काैशल ने सहायक संचालक सुश्री ऋचा जैन, सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण अधिकारी अशोक सिंह और सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण अधिकारी हरीश चौरसिया की टीम गठित की और जाँच के बाद रिपोर्ट संभागायुक्त को सौंपी जिस पर कार्रवाई की गई।
ये भी थे आरोप
इन्द्र भूषण सिंह राजपूत, माध्यमिक शिक्षक, शासकीय माध्यमिक शाला धमेटा विकासखण्ड चीचली जिला नरसिंहपुर ने निलंबन से बहाल करने हेतु संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर को अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था, जब उनके अभ्यावेदन पर दीर्घ अवधि तक कोई निराकरण नहीं किया गया तथा वे निलंबित बने रहे तब उनके द्वारा कमिश्नर कार्यालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें लेख किया गया कि वे जनवरी 2021 से निलंबित हैं तथा संयुक्त संचालक द्वारा अभ्यावेदन का निराकरण नहीं किया जा रहा है। इस मामले में भी जाँच में यह सामने आया कि डॉ. स्वर्णकार ने बेवजह प्रकरण को लटकाए रखा।
अधिकार न होते हुए भी वेतन वृद्धि रोकी
एक अन्य मामले में श्रीमती मेघना सिंह ठाकुर, उच्च माध्यमिक शिक्षक, प्रगत शैक्षिक संस्थान द्वारा लेख किया गया कि वे प्रगत शैक्षिक संस्थान में उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं।
संस्था में पदस्थ हुए मात्र 5 माह हुए थे, तभी प्राचार्य प्रगत शैक्षिक संस्थान द्वारा उनकी असंचयी प्रभाव से वेतन वृद्धि रोकने का आदेश जारी कर उनकी सेवा पुस्तिका में प्रविष्टि कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
माेंटेसरी के प्राचार्य को प्रभार
डॉ. स्वर्णकार को सस्पेंड कर डॉ. राम मोहन तिवारी प्राचार्य शासकीय पूर्व प्राथमिक प्रशिक्षण संस्थान को अपने कार्य के साथ प्राचार्य प्रगत शैक्षिक संस्थान का प्रभार भी सौंपा गया है। हालाँकि श्री तिवारी की नियुक्ति पर भी विवाद शुरू हो गया है। उनके खिलाफ लोकायुक्त में मामला है जिस पर सवाल दागे जा रहे हैं।
Created On :   29 March 2024 3:48 PM IST