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जबलपुर से हरिद्वार के लिए फिर ट्रेन चलाने रेलवे बोर्ड को भेजा प्रस्ताव
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
जबलपुर से हरिद्वार के लिए फिर से ट्रेन चलाने की लगातार माँग को देखते हुए डीआरएम कार्यालय से प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है। अब अंतिम निर्णय बोर्ड को ही लेना है। इसके अलावा जबलपुर से गोंदिया हाेते हुए रायपुर ट्रेन चलाने की पमरे की ओर से अड़चन नहीं, बल्कि सेंट्रल और एसईसीअार की ओर से तकनीकी कमियाँ हैं। उक्त जानकारी डीआरएम विवेक शील ने गुरुवार को पत्रकारवार्ता में दी। एक सवाल के जवाब में डीआरएम ने बताया कि गढ़ा और गौरीघाट स्टेशन काे पमरे में शामिल करने जल्दी ही निर्णय हो सकता है, क्योंकि यहाँ से बोर्ड को प्रस्ताव भेजने के बाद बोर्ड द्वारा जो जानकारियाँ माँगी गई थीं वह भी मुख्यालय से भेज दी गई हैं। डीआरएम श्री शील ने यह भी बताया कि पुल नंबर-दो का काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। अंडरब्रिज का काम काफी हो चुका है। इस दौरान सीनियर डीसीएम विश्व रंजन ने मंडल में किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जबलपुर रेल मंडल में वर्तमान में 111 स्टेशन हैं जो 6 श्रेणियों में विभाजित हैं जिसमें जबलपुर स्टेशन एनएसजी-2 की श्रेणी में आता है। जिसका निर्धारण एक वर्ष में 100 से 500 करोड़ रुपए के बीच आय तथा एक से दो करोड़ यात्रियों की संख्या के आधार पर किया जाता है। आय के मामले में भी मंडल लगातार वृद्धि कर रहा है। अधोसंरचना के विकास के तहत पाँच नए ओवरब्रिज तथा आठ नए फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया गया है। इसी तरह पिछले एक वर्ष में आठ नई यात्री गाड़ियाँ प्रारंभ की गई हैं।
ये रहे उपस्थित
पत्रकारवार्ता के दौरान एडीआरएम दीपक गुप्ता, डीसीएम सुनील श्रीवास्तव, एसीएम नितेश सोने, पंकज दुबे व गुन्नार सिंह उपस्थित रहे।
रेल दुर्घटना रोकने ट्रैक पर लगाए गए हाॅट बाॅक्स डिटेक्टर
ट्रेन दुर्घटनाओं में कमी लाने रेल प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब रेल ट्रैक पर हाॅट बॉक्स डिटेक्टर लगाए जा रहे हैं। इन हाॅट बॉक्स डिटेक्टर्स के सहारे चलती यात्री ट्रेन या मालगाड़ी के चके की बेयरिंग के एक निश्चित तापमान से अधिक तापमान में पहुँचते ही रेल कंट्रोल रूम में अलार्म बजते ही सुरक्षा सुपरवाइजर को मैसेज भी प्राप्त हो जाएगा। जिससे गाड़ी की गति को कंट्राेल कर दुर्घटना को रोका जा सकेगा।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही में बढ़ते रेल हादसों को कंट्रोल करने इस डिटेक्टर का प्रयोग किया जा रहा है। जबलपुर मंडल से इसकी शुरुआत करते हुए मंडल के पाँच स्टेशनों पर इसे लगाया गया है। जिसमें जबलपुर मुख्य स्टेशन के अंतर्गत दो हाॅट बॉक्स डिटेक्टर लगाए गए हैं। बताया जाता है कि ट्रेन के संचालन के दौरान बेयरिंग के गर्म होने का टेम्परेचर 90 डिग्री से कम होना चाहिए, अगर तापमान इससे ऊपर गया तो दुर्घटना होने की सँभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में यह डिटेक्टर टेम्परेचर को मेजर कर सही जानकारी देगा।
Created On :   12 May 2023 2:25 PM IST