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जबलपुर: मानव जीवन के लिए खतरनाक यूनिपोल पर पुलिस भी ले सकती है स्वत: संज्ञान
- रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों ने कहा- आईपीसी में इसके लिए है प्रावधान
- आईपीसी में स्पष्ट प्रावधान है कि पुलिस ऐसे कृत्यों पर स्वत: संज्ञान ले सकती है।
- शहर में जगह-जगह हवा में झूलते हुए खतरनाक यूनिपोल टाँग दिए गए हैं
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शहर में नियमों और नागरिक सुरक्षा को ताक पर रखकर जगह-जगह खतरनाक यूनिपोल लगा दिए गए हैं। आईपीसी में प्रावधान है कि खतरनाक यूनिपोल पर पुलिस स्वत: संज्ञान ले सकती है, लेकिन पुलिस अपने दायित्वों से विमुख हो रही है।
मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 116 (4) में स्पष्ट प्रावधान है कि यूनिपोल लगाने के पहले ट्रैफिक पुलिस से एनओसी ली जानी चाहिए, लेकिन नगर निगम ने एनओसी नहीं ली है। जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।
जानकारों का कहना है कि सार्वजनिक स्थलों पर खतरनाक यूनिपोल, सार्वजनिक मार्गों का अवरुद्धीकरण, सड़कों पर निर्माण सामग्री का बिखराव, जानलेवा गड्ढे, आवारा पशुओं का सड़कों पर बैठना, लेफ्ट टर्न पर कब्जे जैसे कृत्य जिससे मानव जीवन को खतरा हो सकता है।
ऐसे कृत्य आपराधिक श्रेणी में आते हैं। आईपीसी में स्पष्ट प्रावधान है कि पुलिस ऐसे कृत्यों पर स्वत: संज्ञान ले सकती है।
थाना प्रभारी ले सकते हैं संज्ञान
आईपीसी में प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के थाना प्रभारी खतरनाक यूनिपोल लगाने वाले ठेकेदार, मालिक और अनुमति प्रदाता अधिकारी के विरुद्ध स्वत: संज्ञान ले सकते हैं। थाना प्रभारी प्रथम सूचना अंकित अभियोजन की कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन थाना प्रभारी अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे।
पुलिस को संज्ञान लेना चाहिए
शहर में जगह-जगह हवा में झूलते हुए खतरनाक यूनिपोल टाँग दिए गए हैं, जो नागरिक सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं। मुंबई में पिछले महीने होर्डिंग गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई थी।
इसके बाद भी खतरनाक यूनिपोल हटाने की कार्रवाई नहीं हो रही है। नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुलिस को संज्ञान लेकर खतरनाक यूनिपोल लगाने वाले और अनुमति देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
-मनोहर वर्मा, रिटायर्ड डीआईजी
नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि
शहर में नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। नगर निगम ने शहर भर में खतरनाक यूनिपोल लगा दिए हैं। यूनिपोल लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस से भी एनओसी नहीं ली है। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
ऐसे में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को आईपीसी से मिली शक्तियों का उपयोग कर खतरनाक यूनिपोल लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
-अशोक शुक्ला, रिटायर्ड एसपी
अपनी शक्तियों को नहीं पहचान रही पुलिस
शहर में ऐसे यूनिपोल लगाना, जिससे मानव जीवन को संकट हो। यह कृत्य आपराधिक श्रेणी में आता है। आईपीसी में पुलिस को शक्तियाँ मिली हुई हैं कि ऐसे मामलों में स्वत: संज्ञान लेकर प्रथम सूचना अंकित करे, लेकिन पुलिस अपनी शक्तियों को नहीं पहचान रही। यदि पुलिस ऐसे मामलों में संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू दे तो ऐसे कामों पर खुद-ब-खुद अंकुश लग जाएगा।
-नरेश शर्मा, रिटायर्ड, नगर पुलिस अधीक्षक
पुलिस का पहला कर्तव्य नागरिकों की सुरक्षा
पुलिस का पहला कर्तव्य नागरिकों की सुरक्षा करना है। इसके लिए पुलिस को आईपीसी ने शक्तियाँ प्रदान की हैं। शहर में खतरनाक यूनिपोल लगने से नागरिकों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। पुलिस खतरनाक यूनिपोल लगाने वालों और उसकी अनुमति देने वालों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकती है, लेकिन पुलिस अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रही है।
-अनिल वैद्य, रिटायर्ड, नगर पुलिस अधीक्षक
यूनिपोल लगाने में हुई मनमानी पर महापौर से चर्चा आज
शहर में यूनिपोल लगाने में हुई मनमानी पर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि 18 जून मंगलवार को दोपहर 1 बजे महापौर से चर्चा करेंगे। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने बताया कि इस मौके पर खतरनाक यूनिपोल हटाने की माँग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
Created On :   18 Jun 2024 3:00 PM IST