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जबलपुर: अब महिला टीसी को भी भेज सकते हैं ट्रेनों में, पुरुष टीसी में टारगेट बढ़ने का भय
- पश्चिम मध्य रेल के तीनों मंडलों के काॅमर्शियल विभाग की बैठक 14 को, अधिकारियों में हड़कंप
- रेलवे के विभिन्न विभागों में महिलाओं का बहुत बड़ा स्टाफ है।
- रेलवे ने कॉमर्शियल विभाग को इस काम में मुस्तैदी से लगाने की याेजना तैयार की है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रेल प्रशासन लगातार अपनी आय बढ़ाने कोई न कोई नया तरीका अपनाने में जुटा रहता है। कभी यात्री सुविधाओं से तो कभी कोई न कोई योजना निकालकर। अब रेलवे ने कॉमर्शियल विभाग को इस काम में मुस्तैदी से लगाने की याेजना तैयार की है, जिसके तहत जल्द ही स्टेशन व काॅमर्शियल विभाग में ड्यूटी कर रही महिला टीसी काे भी ट्रेनों में भेजा जा सकता है।
इतना ही नहीं पुरुष टीसी का भी टारगेट बढ़ाया जा सकता है। इस बात के संकेत मिलने के बाद से ही सभी टीसी में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
बताया जाता है कि पमरे के मुख्यालय में 14 फरवरी काे तीनों मंडलों जबलपुर, भोपाल व कोटा के काॅमर्शियल विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित किया जाना है। संभवत: इसी बैठक में यह निर्णय लिया जा सकता है।
गौरतलब है कि रेलवे का काॅमर्शियल विभाग आय बढ़ाने में प्रमुख माना जाता है, मगर देखने में यह आता है कि स्क्वाॅड द्वारा जो कार्रवाई की जाती है उससे ही अधिकांश रेवेन्यू आ रहा है। चाहे बिना टिकट यात्रा हो या फिर अनबुक्ड लगेज की ही बात क्यों न हो। इन सभी मामलों में स्क्वॉड द्वारा ही सबसे अधिक प्रकरण बनाकर किराया सहित जुर्माना की राशि वसूल की जाती है।
फील्ड के कर्मचारी ऑफिस में कर रहे बाबूगिरी
सूत्र बताते हैं कि काॅमर्शियल विभाग का एक बड़ा अमला इन दिनों ऑफिस में बाबू का काम कर रहा है। चाहे वह मंडल में हो या पमरे मुख्यालय में ड्यूटी करने की बात हो। यहाँ तक कि मंडल से जिन कर्मचारियों काे पमरे मुख्यालय बनने के दौरान मुख्यालय भेजा गया था उन्हें भी आज तक मंडल की सेवा में वापस नहीं भेजा गया है।
इस तरह से फील्ड में काम करने वाले अधिकांश स्टाफ से ऑफिस में काम लिया जा रहा है। इससे भी फील्ड का काम प्रभावित हो रहा है।
ट्रेन चला रही महिला, मगर टीसी ट्रेन में नहीं
रेलवे के विभिन्न विभागों में महिलाओं का बहुत बड़ा स्टाफ है। काॅमर्शियल विभाग में महिला कर्मचारी हैं, इन सभी का अलग-अलग काम है जिनमें टीसी भी शामिल हैं। रेलवे मंडल में इस बात की चर्चा अक्सर होती है कि अगर महिला चालक ट्रेन चला सकती है तो महिला टीसी को ट्रेन में क्यों नहीं भेजा जाता है।
इसका एक कारण यह भी है कि जब कभी ऐसी काेई योजना बनती है तो महिला स्टाफ प्रयास कर ट्रेनों में जाने से बच जाता है। वर्तमान समय में जबलपुर मुख्य स्टेशन और मदन महल स्टेशन में दो दर्जन महिला टीसी स्टाफ है जिन्हें स्टेशन की ड्यूटी पर लगाया गया, मगर इन्हें ट्रेनों में नहीं भेजा जा रहा है।
Created On :   12 Feb 2024 9:43 AM GMT