जबलपुर: खनिज के अवैध कारोबार पर अब नकेल कसेंगे ई-चेक गेट, 3 की जगह फाइनल

खनिज के अवैध कारोबार पर अब नकेल कसेंगे ई-चेक गेट, 3 की जगह फाइनल
  • तिलवारा, बरनू तिराहा और भेड़ाघाट में लगेंगे, खनिज परिवहन करने वाले वाहनों में लगेंगे बार कोड
  • कैमरों से होगी निगरानी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगी मॉनिटरिंग
  • उम्मीद है कि बारिश का सत्र समाप्त होते ही ई-चेक गेट काम करने लगेंगे।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रेत सहित अन्य खनिजों की जमकर होती लूट को समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार अब ई-चेक गेट या ई-पोस्ट पर काम कर रही है। इसके तहत जिले में फिलहाल 3 जगह ई-चेक गेट लगाने पर विचार किया जा रहा है।

इससे न केवल अवैध परिवहन रुकेगा, बल्कि ओवरलोडिंग भी समाप्त की जा सकेगी। किस खनिज का कहाँ से परिवहन हो रहा है इसकी भी लगातार मॉनिटरिंग सेंटर कमांड सेंटर से की जा सकेगी।

प्रदेश सरकार के निर्देश पर इन दिनों खनिज विभाग ने रेत के अवैध परिवहन, भंडारण तथा निकासी पर कार्रवाई शुरू की है। इससे रेत तथा खनिज माफिया के हौसले पस्त नजर आ रहे हैं और इसी कड़ी में अब एक और कील ठोकी जा रही है।

जिले के तिलवारा बायपास, भेड़ाघाट चौराहा और बरनू तिराहे पर ई-चेक गेट बनाए जाएँगे। इसका सीधा सा मतलब होगा कि यहाँ से जो भी वाहन खनिज लेकर निकलेगा उस पर कैमरे की नजर होगी और कैमरे ऐसी जगह लगाए जाएँगे जिससे वाहनों में रेत या अन्य खनिज की मात्रा और एक तरह से उसके भार का भी अंदाजा लगाया जा सकेगा।

कौन से खनिज का परिवहन हो रहा है यह भी दूर बैठे कमांड सेंटर से देख लिया जाएगा और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नजर आने पर तत्काल ही मौके पर बैठे अधिकारियों काे सूचित कर दिया जाएगा।

प्रदेश भर में 40 गेट लगेंगे

जानकारों का कहना है कि प्रदेश में पहले 40 गेट लगाने का निर्णय लिया गया है और इसके लिए 26 करोड़ का बजट भी पारित किया गया है। परिवहन करने वाले वाहनों में फास्टैग की तुलना में बार कोड होगा जिसे स्कैन किया जाएगा और उसके बाद यह देखा जाएगा कि वह वाहन खनिज परिवहन के लिए रजिस्टर्ड है या नहीं।

उसके बाद उसमें कौन सा खनिज है यह हाई क्वाॅलिटी के कैमरे मात्र कुछ ही पलों में दर्ज कर लेंगे।

राजस्व का नुकसान रुकेगा

एक ही टीपी के जरिए कई वाहनों की निकासी कराई जाती है जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान होता है लेकिन ई-चेक गेट लगने के बाद राजस्व का नुकसान भी रुक जाएगा, क्याेंकि बिना टीपी के कोई भी वाहन नहीं निकल पाएगा।

यही कारण है कि इस मामले में एप्रोच भी लगाई जा रही है कि यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए। पिछले 2 सालों से तो केवल चर्चा ही हुई थी।

ई-चेक गेट लगने का कार्य जल्द ही शुरू हो सकता है। किन जगहों पर लगना है इसका निर्धारण होना था जिसकी सूची हम सौंप चुके हैं। उम्मीद है कि बारिश का सत्र समाप्त होते ही ई-चेक गेट काम करने लगेंगे।

-आरके दीक्षित, खनिज अधिकारी

Created On :   25 Jun 2024 2:17 PM GMT

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