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जबलपुर: सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज, विस्तार से ही राहत
- अस्पताल के पीछे नया भवन बनाने की प्लानिंग
- बेड क्षमता होगी दोगुनी, चिकित्सकाें के साथ अन्य स्टाफ बढ़ाने पर जोर
- सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल और स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन न्यूरो सर्जरी को मिलाकर 300 के करीब बेड हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में न सिर्फ जबलपुर, बल्कि जबलपुर से जुड़े विभिन्न जिलों से मरीज पहुँचते हैं। सुपर स्पेशिएलिटी चिकित्सा की उपलब्धता के चलते हर वक्त यहाँ मरीजों का दबाव बना रहता है।
अस्पताल में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती होते हैं, ऐसे में फ्लोर बेड लगाकर मरीजों को उपचार दिया जा रहा है। बीते कुछ वर्षों में यहाँ मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है, ऐसे में अब अस्पताल को विस्तार देने की योजना आकार ले रही है।
जानकारी के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन का जोर सबसे पहले मरीजों को बेड उपलब्ध कराना और फिर जरूरत के मुताबिक चिकित्सकीय और नर्सिंग स्टाफ की व्यवस्था करना है। ऐसे में अस्पताल के विस्तार के लिए एक नए भवन के निर्माण की प्लानिंग है, इसका प्रपोजल जल्द ही कॉलेज की ईसी बैठक में रखे जाने की तैयारी है।
बता दें कि वर्तमान में सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल और स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन न्यूरो सर्जरी को मिलाकर 300 के करीब बेड हैं।
अस्पताल के पीछे बन सकता है नया भवन
सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. अवधेश प्रताप सिंह कुशवाहा ने बताया कि अस्पताल के पीछे नया भवन बनाया जा सकता है। यहाँ नए भवन के लिए जगह है। नए भवन से अस्पताल में बेड क्षमता दोगुनी हो जाएगी, ताकि मरीजों को बेड आसानी से मिल सकें, यह प्लानिंग है। इस प्रोजेक्ट के बारे में बीते दिनों उपमुख्यमंत्री द्वारा ली गई बैठक में चर्चा हुई थी। कॉलेज की कार्यपरिषद् की बैठक में इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जाएगा।
क्षमता के मुकाबले आधे चिकित्सक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में क्षमता के मुकाबले अभी आधे चिकित्सक ही हैं। ऐसे में प्रत्येक चिकित्सक पर वर्कलोड भी ज्यादा है। अस्पताल में तकरीबन 110 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं, इनमें से अभी आधे पद ही भरे हुए हैं। यही स्थिति नर्सिंग, पैरामेडिकल और टेक्नीशियन्स की भी है। इसके अलावा क्लास-4 कर्मचारियों को भी आउटसोर्स पर रखा गया है।
100 प्रतिशत से ज्यादा बेड भरे
प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में मरीजों का दबाव इतना अधिक है कि 100 प्रतिशत से भी ज्यादा बेड भरे हुए हैं। 100 बेड पर 20 फ्लोर बेड लगाए गए हैं। अस्पताल की ओपीडी रोजाना 350 से 550 मरीजों की होती है, इनमें करीब 10 प्रतिशत एडमिट होते हैं, जिसकी बड़ी वजह यह है कि ज्यादा मामले गंभीर स्थिति में आए मरीजों के होते हैं। बड़ी संख्या में मरीज रेफर होकर भी आते हैं।
Created On :   8 Feb 2024 2:59 PM IST