Jabalpur News: खराबी के बाद महीनों से बंद पड़ी विक्टोरिया को मिली ई-रिक्शा एम्बुलेंस

खराबी के बाद महीनों से बंद पड़ी विक्टोरिया को मिली ई-रिक्शा एम्बुलेंस
  • तंग गलियों तक पहुंच सके एम्बुलेंस की सुविधा इस उद्देश्य के साथ कोरोना काल में जिला अस्पताल और एल्गिन को दी गई थीं एम्बुलेंस
  • नई बैटरी का खर्च तकरीबन 25 हजार बताया जा रहा है।
  • एल्गिन अस्पताल में ई-रिक्शा का उपयोग अस्पताल के ब्लड बैंक की टीम द्वारा किया जाता है।

Jabalpur News: कोरोना काल में मरीजों को लाने-ले जाने के लिए जिला अस्पताल विक्टोरिया और रानी दुर्गावती लेडी एल्गिन अस्पताल को ई-रिक्शा एम्बुलेंस प्रदान की गई थीं। उद्देश्य था कि ऐसी तंग गलियां और रास्ते, जहां बड़ी एम्बुलेंस नहीं पहुंच सकती, वहां भी एम्बुलेंस पहुंच सके और मरीजों को अस्पताल लाया जा सके, लेकिन जिला अस्पताल को दी गई ई-रिक्शा एम्बुलेंस खराबी के बाद महीनाें से बंद पड़ी है। मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

बताया जा रहा है कि ई-रिक्शा की बैटरी खराब हो गई है। नई बैटरी का खर्च तकरीबन 25 हजार बताया जा रहा है। सुधार के लिए कुछ माह पूर्व यह एक मैकेनिक के यहां भेजा गया, तब से यह वाहन उसी मैकेनिक के यहां धूल खा रहा है। इधर एल्गिन को प्रदान की गई ई-रिक्शा एम्बुलेंस चालू स्थिति में है।

एल्गिन में ई-रिक्शा एम्बुलेंस की स्थिति

एल्गिन अस्पताल काे प्रदान की गई ई-रिक्शा एम्बुलेंस का प्रयोग ब्लड बैंक से जुड़े कार्यों में हो रहा है। अलग से ड्राइवर न होने पर अस्पताल के कर्मचारी ही इसे चला रहे हैं, हालांकि प्रसूताओं के लिए सीधे तौर पर इसका प्रयोग नहीं किया जाता है। उसके लिए 108 जननी एक्सप्रेस की सेवाएं ली जाती हैं।

बढ़ रहे थे कोरोना मरीज, तब मिली थी सौगात

जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल और एल्गिन अस्पताल, दोनों को ई-रिक्शा एम्बुलेंस की सौगात राज्य सभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा द्वारा दी गई थी। तकरीबन चार वर्ष पूर्व जब कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे थे, तब मरीजों को राहत प्रदान करने जिले के दोनाें प्रमुख अस्पतालों को यह गाड़ियां प्रदान की गई थीं। इनमें सामान्य यात्री सीटों की जगह, मरीजों को ले जाने के लिए स्ट्रेचर लगाया गया था।

नई बैटरी लगवाने में 20 से 25 हजार का खर्च

सूत्राें से मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल को मिली ई-रिक्शा एम्बुलेंस की 4 बैटरियों के सेटअप में से 2 बैटरियां 2 वर्ष पूर्व चोरी हो गई थीं। इसके बाद 2 नई बैटरियां डलवाकर ई-रिक्शा चालू कराया गया। 4 वर्ष के अंतराल के बाद पुरानी दो बैटरियाें में खराबी आई, जिसके बाद ई-रिक्शा फिर से बंद पड़ गया। बताया जा रहा है कि नई बैटरियों को लगवाने मंे करीब 20 से 25 हजार का खर्च है। प्रबंधन इस पर निर्णय नहीं ले पा रहा है।

जिला अस्पताल विक्टोरिया में ई-रिक्शा एम्बुलेंस खराब है और मैकेनिक के यहां सुधरने भेजा है। बैटरी खराब होने की समस्या आ गई है। फिर से रिपेयर कराएं या नहीं, इस पर विचार किया जा रहा है। रिपेयरिंग के लिए रोगी कल्याण समिति में अलग से कोई मद नहीं है।

डॉ. नवीन कोठारी, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल

एल्गिन अस्पताल में ई-रिक्शा का उपयोग अस्पताल के ब्लड बैंक की टीम द्वारा किया जाता है। समीप लगने वाले ब्लड बैंक के शिविरों में इस ई-रिक्शा के माध्यम से चिकित्सा सामग्री आदि भेजने का कार्य भी होता है। जरूरत पर इसमें मरीज को भी लाया जाता है।

- डॉ. तुषार गुप्ता, आरएमओ, एल्गिन अस्पताल

Created On :   20 Feb 2025 5:49 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story