Jabalpur News: हर 3 कोच मेें होना चाहिए 1 टीटीई मगर 1 से ही काम चला रहा रेलवे

हर 3 कोच मेें होना चाहिए 1 टीटीई मगर 1 से ही काम चला रहा रेलवे
  • टीटीई की कमी से रेलवे यात्रियों को नहीं मिल रही सुविधा
  • सूत्र बताते हैं कि जबलपुर रेल मंडल में 702 पद स्वीकृत हैं
  • रेल प्रशासन कई ट्रेनों को तो एक या दो टीटीई के भरोेसे ही चला रहा है।

Jabalpur News: जबलपुर रेल मंडल से इन दिनों गुजर रहीं करीब डेढ़ सौ ट्रेनों में पर्याप्त टीटीई के न होने से जहाँ यात्रियों की सुविधा और संरक्षा में कमी आ रही है। वहीं ऐसे मामलों की शिकायतें भी बढ़ रही हैं। रेलवे के नियमानुसार तो हर तीन कोच में एक टीटीई तो होना ही चाहिए, मगर रेल प्रशासन कई ट्रेनों को तो एक या दो टीटीई के भरोेसे ही चला रहा है।

रेलवे के नए सिस्टम के अनुसार चलती ट्रेन में टीटीई को न सिर्फ टिकट की जाँच करनी है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं का भी ध्यान रखना है, मगर संख्या की कमी के चलते टिकट की जाँच तक पूरी नहीं हो पाती, अन्य कार्यों काे पूरा करना कैसे संभव हो सकता है।

जानकारों का कहना है कि वर्तमान में मंडल की सीमा से गुजरने वाली और यहाँ से रवाना होने वाली ट्रेनों की संख्या में जिस तरह से इजाफा हुआ है उस हिसाब से टीटीई तैनात किए जाएँ, तो करीब 1322 से ज्यादा टीटीई होने चाहिए मगर अभी इनकी संख्या 599 है, यानी करीब 723 टीटीई और होने चाहिए।

जानकारों का कहना है कि टीटीई की कमी के कारण एक ट्रेन में अधिकांश समय एक टीटीई स्लीपर से लेकर एसी कोच तक सफर करने वाले यात्रियों की जाँच करता है, तो कभी टीटीई के भरोसे जनरल, स्लीपर और एसी कोच तक आ जाते हैं।

पद स्वीकृत पर भरे नहीं

सूत्र बताते हैं कि जबलपुर रेल मंडल में 702 पद स्वीकृत हैं, लेकिन पूरे भरे नहीं होने के कारण केवल 599 ही कार्य पर तैनात हैं। इनमें से अधिकांश तो स्क्वॉड तक में लगाए गए हैं। बताया जाता है कि काॅमर्शियल विभाग के कई कर्मचारी ताे इन दिनों ऑफिस कार्य में हैं जिनसे अन्य कार्य कराए जा रहे हैं, जबकि पूर्व में इन्हीं लोगों को स्क्वॉड में शामिल कर टिकट की जाँच कराई जाती रही है। अब ऐसे लोगों काे स्क्वॉड से अलग कर ऑफिस कार्य कराया जा रहा है। ऐसे लोगों को स्क्वॉड की ड्यूटी में लगाकर टीटीई की कमी को पूरा किया जा सकता है।

Created On :   10 Oct 2024 6:37 PM IST

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