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Jabablpur News: रादुविवि का स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार न प्राथमिक उपचार, न एलोपैथी डॉक्टर
- एक कम्पाउंडर के भरोसे स्वास्थ्य केंद्र, जरूरत पड़ने पर नहीं हैं चिकित्सक
- जानकारी के अनुसार वैदेही स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा अधिकारी का पद स्वीकृत है, लेकिन एलोपैथी डॉक्टर नहीं हैं।
- पदाधिकारियों ने माँग रखी कि स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया जाए।
Jabalpur News: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में गत दिवस हृदयघात से एक निजी कॉलेज के कर्मचारी की मौत के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। यूँ तो रादुविवि का अपना स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन यहाँ चिकित्सक नहीं हैं। एलोपैथी डॉक्टर के अभाव में स्वास्थ्य केंद्र बीमार है। लोगों का कहना है कि केंद्र में प्राथमिक उपचार भी नहीं मिलता। विवि में हजारों छात्र-छात्राएँ पढ़ने आते हैं, फैकल्टी और कर्मचारी भी बड़ी संख्या में हैं, वहाँ इकलौता स्वास्थ्य केंद्र बदहाली का शिकार है।
जानकारी के अनुसार वैदेही स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा अधिकारी का पद स्वीकृत है, लेकिन एलोपैथी डॉक्टर नहीं हैं। यह पद बीते 3 वर्ष से खाली पड़ा है। बताया जा रहा है कि सप्ताह में 3 दिन एक होम्योपैथी चिकित्सक सेवाएँ देने आते हैं। लोगों का कहना है कि चिकित्सक के अभाव में स्वास्थ्य केंद्र के होने का कोई महत्व नहीं है। कार्डियक अरेस्ट जैसी स्थिति में चिकित्सक द्वारा कम से कम सीपीआर देकर जान बचाने का प्रयास तो किया जा सकता है, लेकिन वह भी संभव नहीं है।
इनका कहना है
स्वास्थ्य केंद्र में एक साल पहले तक डॉ. संजय श्रीवास्तव मेडिकल ऑफिसर के रूप में पदस्थ थे, लेकिन राज्य सरकार ने उनका स्थानांतरण भोपाल कर दिया है, तब से पद खाली है। विवि प्रशासन के द्वारा लगातार पत्राचार सरकार के साथ किया जा रहा है। अभी तक किसी एलोपैथी चिकित्सक की तैनाती नही हो पाई है।
-प्रो. सुरेंद्र सिंह, प्रभारी वैदेही स्वास्थ्य केंद्र, रादुविवि
सिर्फ तीन लोगों का स्टाफ
जानकारी के अनुसार केंद्र में केवल 3 लोगों का स्टाफ है। इसमें कम्पाउंडर के अलावा एक माली और एक सफाई कर्मचारी शामिल हैं। केंद्र पर कोई एम्बुलेंस की तैनाती भी नहीं है, जिसके माध्यम से पीड़ित को हायर सेंटर रेफर किया जा सके। कम्पाउंडर के भरोसे मरीजों को उपचार दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, एनएसयूआई ने सौंपा ज्ञापन
रादुविवि में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और स्वास्थ केंद्र की बदहाली को लेकर एनएसयूआई ने गुरुवार को कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा को शिकायत सौंपी। पदाधिकारियों ने माँग रखी कि स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया जाए। उनका कहना था कि विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में गत दिवस उत्तर पुस्तिका जमा करने आए एक निजी कॉलेज के कर्मचारी की तबियत बिगड़ने के दौरान चिकित्सा सुविधा न मिलने से उसकी मृत्यु हो गई।
इस घटना ने विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। इस मौके पर अदनान अंसारी, सागर शुक्ला, एजाज अंसारी, अंकित शुक्ला, राहुल बघेल, शफी खान, आदर्श तोमर आदि मौजूद रहे।
Created On :   8 Nov 2024 6:17 PM IST