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Jabalpur News: इलाहाबाद बैंक चौक के जिस यूनिपोल से रॉड गिरने से हुई वृद्ध की दर्दनाक मौत
- हद दर्जे की मनमानी: शहर में 40 जगह पर टेंडर समाप्त होने के बाद भी लटक रहे खतरनाक यूनिपोल
- 27 महीने पहले खत्म हो गया था उसका टेंडर, एजेन्सी पर 84 लाख से ज्यादा बकाया
- नगर निगम के अधिकारी एजेन्सी से टैक्स वसूली के लिए किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
Jabalpur News: सिविल लाइन्स स्थित इलाहाबाद बैंक चौक पर जिस यूनिपोल से रॉड गिरने से एक वृद्ध की दर्दनाक मौत हुई थी। उसके साथ ही शहर के 40 यूनिपोल का टेंडर 27 महीने पहले ही समाप्त हो गया था। टेंडर समाप्त होने के बाद ग्वालियर की दीपक एडवरटाइजिंग एजेन्सी ने टैक्स चुकाना बंद कर दिया। वर्तमान में एजेन्सी पर 84 लाख 22 हजार रुपए बकाया है।
इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी यूनिपोल नहीं हटवा रहे हैं। इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि यूनिपोल माफिया व नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से पूरा खेल चल रहा है और जिम्मेदार आँखें बंद किए बैठे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर निगम ने 3 अक्टूबर 2019 को दीपक एडवरटाइजिंग एजेन्सी ग्वालियर को शहर की 40 लोकेशन पर यूनिपोल लगाने का टेंडर दिया था। टेंडर जारी होने के बाद खुलासा हुआ कि एजेन्सी ने नगर निगम के अधिकारियों से साँठगाँठ कर 10 साल तक यूनिपोल लगाने का अनुबंध करा लिया है। इसके बाद मामला न्यायालय पहुँचा। न्यायालय ने 10 साल का अनुबंध निरस्त करते हुए टेंडर की समय-सीमा 3 साल के लिए निर्धारित कर दी।
3 अक्टूबर 2022 को समाप्त हो चुकी है समय-सीमा
बताया गया है कि न्यायालय द्वारा निर्धारित टेंडर की समय-सीमा 3 अक्टूबर 2022 यानी 27 महीने पहले समाप्त हो चुकी है। इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारियों ने एजेन्सी के 40 यूनिपोल हटाने की कार्रवाई नहीं की। नगर निगम के अधिकारी और एजेन्सी मिलकर मोटी कमाई कर रहे हैं।
एमआईसी में दो बार भेजा गया प्रस्ताव, नहीं लिया कोई निर्णय
जानकारों के अनुसार लगभग दो साल पहले यूनिपोल शाखा के अधिकारियों ने दीपक एडवरटाइजिंग के 40 यूनिपोल हटाने का प्रस्ताव निगमायुक्त के पास भेज दिया। इस दौरान निगमायुक्त ने यूनिपोल हटाने की अनुमति देने के लिए दो बार प्रस्ताव मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के पास भेजा। एमआईसी ने दोनों बार यूनिपोल हटाने के प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लिया। इसके कारण यूनिपोल एजेन्सी टेंडर समाप्त होने के बाद भी जमकर कमाई कर रही है। इससे नगर निगम को लाखों रुपए राजस्व का नुकसान हो रहा है।
एजेन्सी पर लाखों रुपए का टैक्स बकाया फिर भी मेहरबानी
जानकारों का कहना है कि 3 अक्टूबर 2022 को टेंडर की निर्धारित समय-सीमा समाप्त होने के बाद एजेन्सी ने नगर निगम को 40 यूनिपोल का टैक्स देना भी बंद कर दिया। वर्तमान में एजेन्सी पर 84 लाख 22 हजार रुपए का टैक्स बकाया है। नगर निगम के अधिकारी एजेन्सी से टैक्स वसूली के लिए किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। एजेंसी संचालक पर मेहरबानी दिखाई जा रही है।
मुंबई की तर्ज पर एजेन्सी पर भी दर्ज हो एफआईआर
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने कहा है कि 13 मई 2024 को मुंबई में होर्डिंग गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में ठेकेदार के साथ ही एजेन्सी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी। सिविल लाइन्स पुलिस ने इलाहाबाद बैंक चौक पर हुए हादसे में केवल ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज कर औपचारिकता निभाई है। इस मामले में ठेकेदार के साथ ही एजेन्सी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। इस मामले में कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपकर विशेष टीम गठित कर मामले की जाँच कराने की माँग की गई है।
दूसरों पर दोष थोप रही एजेन्सी
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने कहा है कि दीपक एडवरटाइजिंग एजेन्सी दूसरों पर दोष थोपने का प्रयास कर रही है। नगर निगम को सौंपे जवाब में कहा गया है कि 18 जनवरी को अन्य व्यक्तियों द्वारा यूनिपोल पर फ्लेक्स लगाया जा रहा था।
हाईकोर्ट में सुनवाई 28 को
शहर में नियमों का उल्लंघन कर जगह-जगह लगाए गए डेंजरस यूनिपोल के मामले में हाईकोर्ट में 28 जनवरी को सुनवाई होगी। यह जनहित याचिका डॉ. नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से दायर की गई है।
Created On :   24 Jan 2025 4:49 PM IST