Jabalpur News: वारिसों को छोड़कर नाॅमिनी के नामांकित व्यक्ति को कर दिया प्लाॅट अलाॅट

वारिसों को छोड़कर नाॅमिनी के नामांकित व्यक्ति को कर दिया प्लाॅट अलाॅट
  • जबलपुर विकास प्राधिकरण का एक और बड़ा गोलमाल
  • गार्डन मद की जमीन होने के बाद भी जेडीए ने मुआवजा दिया
  • पूरे मामले की शिकायत भी लोकायुक्त भोपाल को भेजी गई है।

Jabalpur News: जमीन मालिकों की मौत के बाद वारिसों को मिलने वाली जमीन नामित व्यक्तियों के इशारे पर अन्य के नाम पर लीजडीड बनाकर जबलपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने एक और गोलमाल कर दिया है। जमीन मालिक अपनी जमीन पाने के लिए जेडीए के चक्कर काट रहे हैं और दूसरी ओर नियमों को ताक पर रखकर अधिकारियों ने जमीन दूसरे को अलॉट कर दी।

इस पूरे मामले की शिकायत भी लोकायुक्त भोपाल को भेजी गई है। भोपाल लोकायुक्त में की गई शिकायत में बताया गया है कि योजना क्रमांक-31 खसरा क्रमांक 47/3 जेडीए ने सालों पहले अधिग्रहण की थी।

जेडीए बाद में उक्त योजना को बंद करने की जानकारी न्यायालय के समक्ष दे चुका है, उसके बाद भी जेडीए के अधिकारी गोलमाल करने में लगे हुए हैं। चुुंगी चौकी पुरवा निवासी शिकायतकर्ता विद्याबाई केवट, विजय कुमार केवट, राजकुमार केवट, भरत केवट, कृष्ण कुमार केवट ने बताया कि उनकी जमीन का मुआवजा उन्हें मिलना था। वर्ष 2018, 2019, 2022 में पत्राचार किया गया पर जेडीए ने भूस्वामियों की सहमति लिए बिना सीधे नाॅमिनी के द्वारा दिए गए नाम तीसरे पक्ष के नाम पर प्लाॅट अलॉट कर दिया गया।

एक नाॅमिनी की मौत

शिकायतकर्ता का कहना है कि दो नाॅमिनी थे और इनमें मनोज गुप्ता की मौत हो चुकी है और सतीश मदान वर्तमान में जीवित है। सतीश मदान के आवेदन पर अन्य के नाम पर लीजडीड बना दी गई। लीजडीड अनंत इंवेस्टमेंट प्रोपराइटर शैलेष कुमार जैन के नाम पर बना दी गई और शैलेष कुमार के पत्र पर पार्टनर के रूप में पत्नी कविता जैन को पार्टनर फर्म बताकर जमीन अलॉट कर दी।

इटारसी-गोंदिया लाइन के मध्य जमीन

पीड़ितों का कहना है कि इटारसी-गोंदिया रेलवे लाइन के मध्य में स्थित होने से पहुँच मार्ग उक्त भूमि में नहीं है। इस जमीन को जेडीए ने अपनी योजना से मुक्त कर दिया है उसके बाद भी जमीन का मुआवजा प्राइम लो केशन में दिया गया है। 50 मीटर चौड़ी रोड से सटे प्लाॅट क्रमांक डी-2, डी 3, डी-4 के रूप में 54 सौ वर्गफीट जमीन अलॉट कर दिया गया। 4107 वर्गफीट के प्लाॅट दिए जाने थे पर लगभग 13 सौ वर्गफीट अतिरिक्त भूमि अलॉट कर दी।

गार्डन मद की जमीन

पुरानी योजना की बात की जाए तो उक्त भूमि जो जेडीए ने अधिग्रहित की थी वह गार्डन मद में मास्टर प्लान में दर्ज है। गार्डन मद की जमीन होने के बाद भी जेडीए ने मुआवजा दिया। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जेडीए के अधिकारियों ने गोलमाल करते हुए हमारे साथ व शासन के साथ जालसाजी की है।

सीईओ ने नहीं दिया पक्ष- जबलपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल वैद्य से संपर्क किया गया पर 31 नंबर योजना की जानकारी देने से वे बचते रहे।

Created On :   2 Oct 2024 4:39 PM IST

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