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Jabalpur News: काॅलेज प्राचार्य को डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर ऐंठे 10 लाख रुपये
- मोबाइल पर खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर की ठगी, गोराबाजार थाने में मामला दर्ज
- काॅल करने वाले ने कहा कि वह फेडेक्स कूरियर कम्पनी से बोल रहा है
- परिवार को डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी देकर रकम ऐंठ ली गई।
Jabalpur News: गोराबाजार थाना क्षेत्र स्थित बिलहरी निवासी शासकीय काॅलेज की प्राचार्य श्रीमती जगदीप दुबे को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर साइबर ठग ने काॅल करके 10 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोपी द्वारा धमकी दी गई कि उनके नाम का इललीगल पार्सल पकड़े जाने व मनी लाॅन्ड्रिंग करने का आरोप लगाते हुए उन्हें व उनके परिवार को डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी देकर रकम ऐंठ ली गई।
पीड़ित द्वारा इसकी शिकायत थाने में दिए जाने पर शनिवार की रात अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार श्रीमती जगदीप दुबे उम्र 44 वर्ष ने थाने में शिकायत देकर बताया कि वह शासकीय आदर्श महाविद्यालय डिंडोरी में प्रिंसिपल हैं। विगत 15 अक्टूबर को उनके मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल से काॅल किया।
काॅल करने वाले ने कहा कि वह फेडेक्स कूरियर कम्पनी से बोल रहा है, आपके नाम से पार्सल है जो कि मुम्बई से ताइवान भेजा जा रहा है। पार्सल में कुछ इललीगल वस्तु है, जो पुलिस के द्वारा रोक दी गई है। इसके बाद उसी नंबर से किसी दूसरे व्यक्ति ने बात की और खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी विक्रम सिंह राठौर बताया। कथित अधिकारी ने पार्सल में लैपटाॅप, ड्रग्स, रुपये और नकली पासपोर्ट व अन्य सामान होना बताते हुए श्रीमती जगदीप को अरेस्ट करने की बात कहते हुए कॉल काट दिया।
कई बैंक खाते होने का आरोप
दूसरे दिन फिर से उसी नंबर से काॅल आया, काॅल करने वाले ने प्राचार्य से कहा कि उनके कई शहरों में बैंक खाते हैं, जो कि उनके आधार नंबर से खोले गये हैं। कथित अधिकारी ने उन्हें मनी लाॅन्ड्रिंग केस में फँसाने की धमकी दी एवं कोऑपरेट नहीं करने पर पूरे परिवार को अरेस्ट करने की बात कहते हुए काॅल काट दिया।
आरटीजीएस के माध्यम से रकम ट्रांसफर
तीसरे दिन फिर से पीड़िता को कथित अधिकारी ने काॅल करके कहा कि वे चुपचाप बैंक जाएँ और वह जो अकाउंट नंबर दे रहा है उसमें 10 लाख रुपये डाल दें। वेरिफिकेशन हाेने के बाद उन्हें रकम वापस कर दी जाएगी। उन्होंने बैंक बंद होने की बात कही जिसके बाद फोन कट गया। उसके अगले दिन 18 अक्टूबर को प्राचार्य के वाट्सएप पर एक डाॅक्यूमेंट भेजा गया जिस पर पुलिस की सील लगी थी, जिसे देखकर वह डर गईं और बैंक गईं, वहाँ पर कथित अधिकारी के बताए नंबर पर दस लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए भेज दिए। उसके बाद रकम वापस नहीं लौटने पर उन्हें ठगी होने का पता चला। अंतत: उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
Created On :   5 Dec 2024 5:38 PM IST