Jabalpur News: सीएम राइज स्कूलों की हालत सौ दिन चले अढ़ाई कोस जैसी

सीएम राइज स्कूलों की हालत सौ दिन चले अढ़ाई कोस जैसी
  • लेटलतीफी का शिकार हो रही शासन की महत्वाकांक्षी योजना
  • जानकारी के मुताबिक पूरे प्रदेश में इस महत्वाकांक्षी शिक्षा योजना की गति बेहद धीमी है।
  • जिले में पाँच सीएम राइज स्कूलों को अब तक जमीन तक आवंटित नहीं हो पाई है।

Jabalpur News: जिले में 15 सीएम राइज स्कूल बनाने का काम तीन साल पहले शुरू हुआ था, लेक़िन अब तक 40 प्रतिशत काम भी नहीं हो पाया है। कई स्थानों पर जमीन नहीं मिली तो कई स्थानों पर स्कूल बिल्डिंग बनने का कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है।

योजना के मुताबिक शहरी क्षेत्र में 5 एकड़ से ज्यादा और ग्रामीण क्षेत्रों में 7 एकड़ से ज्यादा भूमि पर स्कूल का निर्माण होना है। प्रत्येक स्कूल भवन पर 25 से 42 करोड़ रुपये खर्च किये जाने हैं। योजना का संचालन एवं मॉनिटरिंग भोपाल से की जा रही है। जिले में पाँच सीएम राइज स्कूलों को अब तक जमीन तक आवंटित नहीं हो पाई है। जिन्हें भूमि नहीं मिली है उनमें मझौली, इंद्राना, पनागर, शहपुरा और चरगवाँ सीएम राइज स्कूल शामिल हैं।

सिहोरा में 60% भवन बनकर तैयार है, वहीं अधारताल में 50% स्कूल बिल्डिंग बनकर तैयार है। मझौली में 70% और पनागर के सिंगौद में 80% स्कूल भवन बनाए जाने का काम पूर्ण हो चुका है। जिन स्कूलों में स्कूल बिल्डिंग बनने का काम प्रारंभ नहीं हुआ है उनमें बरगी हिल्स मेडिकल कॉलेज सीएम स्कूल, करौंदी स्कूल और शहपुरा चरगवाँ स्कूल के नाम शामिल हैं।

कुछ ऐसी है पूरी योजना

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पूरे प्रदेश में इस महत्वाकांक्षी शिक्षा योजना की गति बेहद धीमी है। मध्य प्रदेश में 9200 सीएम राइज स्कूल बनना है, लेक़िन अब तक सिर्फ 112 स्कूलों को बनाने के टेंडर जारी हुए हैं। जिनमें से सिर्फ 2 स्कूल भवन अब तक बन पाए हैं। खास बात यह है कि सीएम राइज स्कूलों को नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर विकसित करने की योजना है, लेकिन अधिकारी सरकार की मंशा पर पलीता लगाने का काम कर रहे हैं।

भोपाल से हो रही माॅनिटरिंग

योजना की माॅनिटरिंग भोपाल से हो रही है और निर्माण एजेंसियाँ भी राजधानी से तय की गई हैं, स्थानीय स्तर पर जाे प्रक्रिया की जानी चाहिए उसे शिक्षा विभाग द्वारा पूरा किया जा रहा है। जिन दो स्थानों पर टेंडर प्रक्रिया नहीं हो पाई है उन्हें भी जल्द पूरा किया जाएगा।

-प्राचीश जैन, संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण जबलपुर

नहीं मिल पा रहा सहयोग

पाटन बेलखेड़ा और कुंडम के स्कूलों में काम की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है और न ही प्रभारी प्रिंसिपल किसी प्रकार की जानकारी दे पा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन स्तर पर उन्हें सहयोग प्राप्त नहीं हो पा रहा है। इन स्थितियों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएम राइज स्कूलों के निर्माण की प्रक्रिया कितनी धीमी है।

Created On :   25 Nov 2024 6:11 PM IST

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