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Jabalpur News: धान घोटाला, 57 अधिकारी-कर्मचारी शामिल, न ही कोई नोटिस न निलंबन

- नागरिक आपूर्ति निगम, सहकारिता और कलेक्ट्रेट के खाद्य विभाग ने नोटिस तक जारी नहीं किए
- पिछले दिनों पकड़ में आए 30 करोड़ 14 लाख रुपए के धान परिवहन घोटाले में एक नहीं बल्कि 3 विभाग शामिल हैं।
Jabalpur News: बैठक में न आने, समय पर फोन न उठाने और ऐसे ही मामूली कारणों पर शोकाॅज नोटिस जारी करने वाले विभाग करोड़ों के धान परिवहन घाेटाले पर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। अभी तक किसी भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की, जो अधिकारी फरार हैं न तो उन पर विभागीय जांच बैठी है और न ही उनके संबंध में कुछ किया जा रहा है जो गिरफ्तार हो चुके हैं। पिछले दिनों पकड़ में आए 30 करोड़ 14 लाख रुपए के धान परिवहन घोटाले में एक नहीं बल्कि 3 विभाग शामिल हैं।
मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज काॅरपोरेशन के जिला प्रबंधक दिलीप किरार सहित 13 कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। सहकारिता विभाग के सोसायटी और उपार्जन केन्द्र के 44 कर्मचारियों जिनमें समिति प्रबंधक से लेकर कम्प्यूटर ऑपरेटर तक शामिल हैं और कलेक्ट्रेट के खाद्य विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों पर भी विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज की गई है। इस प्रकार कुल 74 लोगों पर मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 17 राइस मिलर्स को हटा दिया जाए तो बाकी के सभी सरकारी कर्मचारी और अधिकारी हैं। ऐसे में अभी तक इनके खिलाफ किसी प्रकार की विभागीय कार्रवाई न किया जाना कई सवालों को खड़ा करता है।
धान का भौतिक सत्यापन करने भोपाल से आए आदेश| खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी ने आदेश जारी कर कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन तथा अंतर जिला मिलिंग में उपार्जन केन्द्रों से प्रदाय धान का सत्यापन किया जाए।
विभाग को पूछना तो चाहिए
जानकारों का कहना है कि इस मामले में सबसे पहले विभागीय प्रमुख को नोटिस जारी कर उन लोगों से सवाल जवाब करने चाहिए जिन पर मामले दर्ज किए गए हैं, साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी बैठानी चाहिए क्योंकि यह मामला करोड़ों के घोटाले का है। इससे आखिरकार सरकार को ही वित्तीय हानि उठानी पड़ती।
Created On :   27 March 2025 5:57 PM IST