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Jabalpur News: रेल प्रशासन ने प्रथम दृष्ट्या तीन अधिकारियों को किया निलंबित, चार विभाग की टीमें करेंगी जाँच
- गोंदवाली कोल साइडिंग में बिना अनुमति कोयला मिलने पर दो लोडिंग कंपनियों महाकाल व डीएस के खिलाफ जाँच शुरू
- रेलवे को मिलने वाले किराए का भी भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
- चार विभागों की टीमें इस कार्य पर लगी हैं। दोषी कंपनियों के खिलाफ पेनाल्टी की कार्रवाई की जाएगी।
Jabalpur News: पश्चिम मध्य रेल जबलपुर मंडल के बरगवाँ स्टेशन के समीप गोंदवाली कोल साइडिंग में बिना अनुमति रखा एक रैक कोयला रेलवे की विजिलेंस टीम द्वारा पकड़ा गया है। इस मामले में अब यहाँ लोडिंग का काम करने वाली दो लोडिंग ठेका कंपनियों महाकाल और डीएस को निशाने पर लेकर रेल प्रशासन द्वारा जाँच शुरू कर दी गई है। पूरे प्रकरण में अभी तक किसी भी कंपनी या ठेकेदार ने यह स्वीकार नहीं किया है कि यह कोयला उनके द्वारा स्टॉक किया गया था।
वहीं यह तो स्पष्ट हो गया है कि रेलवे के स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते यहाँ बिना अनुमति कोयले का अवैध स्टॉक किया जा रहा था, जिसके चलते तीन अधिकारी चीफ काॅमर्शियल इंस्पेक्टर नंदन कुमार, चीफ ट्रैफिक इंस्पेक्टर व स्टेशन अधीक्षक पद पर पदस्थ रामेश्वर लाल मीना और चीफ गुड्स सुपरवाइजर अभिषेक शुक्ला को निलम्बित कर दिया गया है, साथ ही प्रकरण में इनकी और काेयला ट्रांसपोर्टर्स की संलिप्तता की जाँच कराई जा रही है। पूरे मामलें की जाँच के लिए काॅमर्शियल, ऑपरेटिंग, आरपीएफ और इंजीनियरिंग विभाग इन चारों विभागों की टीमें बनाई गई हैं।
रेलवे सूत्राें की मानें तो इस लोडिंग साइड में दो कंपनी को लोडिंग का काम दिया गया है, जिसमें महाकाल और डीएस मूल रूप से शामिल हैं। इसके अलावा कई अन्य ट्रांसपोर्टर्स भी पहले यहाँ काम कर चुके हैं। इन कंपनियों द्वारा इस साइडिंग से प्रयागराज, कानपुर एसईसीएन, एसीसी कैमूर के लिए कोयला डिस्पैच किया जाता है। रेलवे प्रशासन अब इस बात का पता लगा रहा है कि इन दो कंपनियों में से किस लोडिंग कंपनी द्वारा यहाँ बिना अनुमति कोयले का स्टॉक रखा गया था और यह खेल कितने दिनों से चल रहा है। फिलहाल किसी कंपनी ने अभी तक जवाबदारी नहीं ली है।
मूल्यांकन कर लगाई जाएगी पेनाल्टी
रेलवे सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से कोयला स्टॉक करने का यहाँ नियम विरुद्ध कार्य किया जा रहा है उससे न सिर्फ ठेका कंपनियों को लाभ पहुँचाया जा रहा है, बल्कि इससे वारफेज के रूप में रेलवे को मिलने वाले किराए का भी भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। अब पूरे कोयले का मूल्यांकन कर दोषी कंपनियों पर पेनाल्टी भी लगाई जाएगी।
वहीं लोडिंग साइड में स्टॉक करने का नियम तो यह है कि साइडिंग पर रैक इंडेंट मिलने के कुछ घंटे पूर्व स्थिति के अनुसार समय दिया जाता है, उसी समय अवधि में कोयले की मात्रा को साइडिंग में लाया जाना चाहिए, लेकिन कोयला परिवहनकर्ताओं ने रेलवे साइडिंग को कोल डम्पिंग यार्ड की तरह उपयोग किया यह अनियमितता भी पाई गई है।
2 करोड़ 40 लाख का हो सकता है कोयला
रेलवे सूत्र बताते हैं कि मौके से जब्त किया गया कोयला करीब 4 हजार टन के आसपास आँका जा रहा है। जो ग्रेड-6 का बताया जा रहा है जिसका बाजार मूल्य करीब 2 करोड़ 40 लाख रुपए का आँका जा रहा है।
गोंदवाली साइडिंग में कोयले का अवैध स्टॉक किसका है यह पता नहीं चल सका है, मगर यहाँ लोडिंग का काम करने वाली कंपनियों की जाँच की जा रही है। चार विभागों की टीमें इस कार्य पर लगी हैं। दोषी कंपनियों के खिलाफ पेनाल्टी की कार्रवाई की जाएगी।
शशांक गुप्ता, सीनियर डीसीएम-टू
Created On :   27 Nov 2024 7:21 PM IST