Jabalpur News: आशा कार्यकर्ता परखेंगी पानी की क्वालिटी, घर-घर पानी की टेस्टिंग करने पीएचई देगा किट

आशा कार्यकर्ता परखेंगी पानी की क्वालिटी, घर-घर पानी की टेस्टिंग करने पीएचई देगा किट
  • हर गांव में घर-घर जांच करने के साथ ही प्रशिक्षित महिलाएं लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक भी करेंगी।
  • इससे ग्रामीण क्षेत्रों में दूषित जल से होने वाली बीमारियों की रोकथाम की जा सकेगी।

Jabalpur News: जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्व-सहायता समूह की महिलाएं घर-घर जाकर पानी की जांच करेंगी। वे यह देखेंगी और प्रमाणित करेंगी कि पानी में किसी प्रकार के दूषित तत्व तो नहीं हैं जिससे पीने वालों को नुकसान हो। इसके साथ ही महिलाएं गांवों के उन जलस्रोतों की भी जांच करेंगी जहां सामूहिक रूप से लोग जल ग्रहण करते हैं। इनमें कुएं, हैंडपम्प, पोखर, तालाब, बावली आदि शामिल हैं।

कुल मिलाकर जिस प्रकार गांवों में दायी मां बच्चों के जन्म कराती हैं उसी प्रकार अब महिलाएं साइंटिस्ट भी बनेंगी। गांवों में दूषित पानी पीने से हर साल सैकड़ों लोगों की मृत्यु होती है क्योंकि दूषित पानी से डायरिया, पीलिया, टाइफाइड आदि संक्रामक रोग होते हैं। गर्मी में जब पानी की कमी हो जाती है तब और बारिश के दौरान इन बीमारियों का तेजी से प्रसार होता है। इसे देखते हुए सरकार ने गांव-गांव और घर-घर पानी की जांच का अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत हर गांव में प्रशिक्षित महिलाओं की टीम तैयार की जा रही है जो कि जल्द ही पानी की जांच शुरू करेंगी।

प्रशिक्षण में बताईं बारीकियां | पिछले दिनों आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और स्व-सहायता समूह की महिलाओं का एक प्रशिक्षण-सत्र आयोजित किया गया था। इसमें महिलाओं को टेस्टिंग किट के जरिए पानी की गुणवत्ता जांचने का प्रशिक्षण दिया गया। उन्हें बताया गया कि किस प्रकार जल स्रोतों से जल लेकर जांच करनी है। उन्हें जल स्रोतों को साफ-सुथरा रखने के लिए भी क्या-क्या किया जा सकता है इसकी जानकारी प्रदान की गई।

नाले-नालियाें के आसपास फोकस

बताया जाता है कि जिस प्रकार कोरोना के समय टेस्टिंग किट के जरिए लोगों की जांच की जाती थी उसी प्रकार पानी की जांच करने के लिए पीएचई द्वारा टेस्टिंग किट उपलब्ध कराई जाएगी। महिलाओं को बताया गया कि नालियों के आसपास के जो कुएं और हैंडपम्प हैं उनके पानी की जांच आवश्यक तौर से की जाए और जिन तालाबों के पानी का उपयोग पीने के लिए किया जाता है उनकी भी जांच की जाए।

हर गांव में घर-घर जांच करने के साथ ही प्रशिक्षित महिलाएं लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक भी करेंगी। घरों में आसानी से किस प्रकार पानी को स्वच्छ किया जा सकता है इसकी भी जानकारी देंगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में दूषित जल से होने वाली बीमारियों की रोकथाम की जा सकेगी।

- मनोज कुमार सिंह, एसीईओ, जिला पंचायत

Created On :   26 March 2025 3:04 PM IST

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