जबलपुर: तंग रास्तों में ई-रिक्शाें की धमाचौकड़ी निकलना मुश्किल, रोज लग रहा जाम

तंग रास्तों में ई-रिक्शाें की धमाचौकड़ी निकलना मुश्किल, रोज लग रहा जाम
  • मुकादम गंज और अंधेरदेव के साथ अब नरघैया और सुनरहाई आदि में भी हालात गंभीर
  • नागरिकों की परेशानियों को देखते हुए प्रशासन ने सघन बाजारों में इनके संचालन पर रोक लगाई है।
  • अप्रशिक्षित लोग भी ई-रिक्शा चला रहे हैं, जो ट्रैफिक नियमों की सरेआम धज्जियाँ उड़ाते हैं।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। व्यस्ततम बाजारों में सुगम यातायात और पार्किंग की समस्या दूर करने के उद्देश्य से चलाए गए ई-रिक्शा शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए नासूर बन चुके हैं। सुपर मार्केट से बड़ा फुहारा, कमानिया, अंधेरदेव, सराफा, मुकादम गंज आदि के मुख्य मार्गों में पहले ही ई-रिक्शा वालों की मनमानी से जनता परेशान थी।

लेकिन अब नरघैया, सुनरहाई, प्रिंस स्ट्रीट और आसपास की सँकरी गलियों के ऐसे बाजार जहाँ दोपहिया वाहनों पर चलना मुश्किल होता है। वहाँ ई-रिक्शा की धमाचौकड़ी होने से दिन भर जाम लगा रहता है।

जिसके कारण शहर और दूरदराज के इलाकों से आने वाले ग्राहक इन बाजारों में आने से कतराने लगे हैं, जिससे यहाँ के व्यापार प्रभावित होते जा रहे हैं। व्यापारियों का आरोप है कि कई बार इस मामले को लेकर ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय थानों में शिकायतें दी गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

न साइड देते, न स्पीड कम करते-

बाजारों के साथ शहर की ऐसी कोई सड़क या चौराहा नहीं बचा होगा, जहाँ ई-रिक्शा वालों की मनमर्जी न चलती हो। मुख्य सड़कों पर बाइक, कार या दूसरे सभी तरह के वाहनों द्वारा साइड के लिए हॉर्न बजाने पर भी इनके ड्राइवराें को कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि ई-रिक्शा चलाने वालों के लिए वर्दी, लाइसेंस और रूट निर्धारण जैसे नियम लागू नहीं होते।

इसी वजह से अप्रशिक्षित लोग भी ई-रिक्शा चला रहे हैं, जो ट्रैफिक नियमों की सरेआम धज्जियाँ उड़ाते हैं।

इंदौर में हो चुके हैं प्रतिबंधित

ई-रिक्शा वालों की मनमानी और ट्रैफिक व्यवस्था में बाधक होने के कारण इंदौर में इन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है। जबलपुर समेत अन्य शहरों से पहले ई-रिक्शा इंदौर में ही चलाए गए थे। इंदौर के व्यापारियों और नागरिकों की परेशानियों को देखते हुए प्रशासन ने सघन बाजारों में इनके संचालन पर रोक लगाई है।

लोडिंग वाहन बने ई-रिक्शा

सँकरी गलियों के मार्केट में बड़े लोडिंग ऑटो व अन्य वाहनों पर लगाई गई पाबंदी का विकल्प अब ई-रिक्शा बन गए हैं। सारे नियमों को ताक पर रखकर ई-रिक्शा में माल की ढुलाई की जा रही है। व्यापारियों के साथ इन इलाकों में रहने वाले नागरिक भी परेशान हैं, क्योंिक सुबह से शाम तक इन्हें भी जाम से जूझना पड़ता है।

Created On :   4 March 2024 1:41 PM GMT

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