जिन सड़कों को स्मार्ट बनाया उनमें काम अब भी पुराने ढर्रे पर, बारिश में बढ़ेगी परेशानी

जिन सड़कों को स्मार्ट बनाया उनमें काम अब भी पुराने ढर्रे पर, बारिश में बढ़ेगी परेशानी
ये कैसी वर्किंग: डामरीकरण के 6 माह बाद भी कई मार्गों से शिफ्ट नहीं कर पाये विद्युत पोल

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

राइट टाउन एरिया में बन रही स्मार्ट सड़कों में डामरीकरण कर दिया गया, यहाँ तक की इनमें मार्किंग तक हो गई लेकिन इनके बीच सीमा तक लगे विद्युत पोल अब तक अलग नहीं हो सके हैं। बीते 3 वर्षों से इन सड़कों को स्मार्ट बनाने की कवायद चल रही है पर इनके निर्माण की प्रक्रिया अब तक जारी है। कहीं फुटपाथ तोड़ा जाता है कहीं बनाना अब भी प्रारंभ है। इनके फिनिशिंग पॉइंट तक पहुँचने में लंबी कसर बरकरार है। सड़क मानसून सीजन के पहले तक पूरी हो पाना अब भी संभव नहीं लग रहा क्योंकि इसके बीच सीमा तक लगे विद्युत पोल अब भी नहीं अलग हो सके हैं। सड़क की माॅनिटरिंग और देखरेख कर रहे अधिकारी विद्युत पोल का अलग न होना साधारण बात मानते हैं लेकिन इन सड़कों से निकलने वाले लोगों के लिहाज से यह बड़ी समस्या है क्योेंकि सड़क भले ही स्मार्ट बनाई जा रही है लेकिन विद्युत पोल अलग न होने तक इनमें सब कुछ पुराने ढर्रे सा ही नजर आ रहा है।

वर्षों का वर्क अब तो पूरा कर दें

इन निर्माणाधीन स्मार्ट सड़कों से निकलने वाले लोग अब कहने लगे हैं कि कम से कम तो इनको जल्द पूरा बना दें। स्मार्ट रोड में वर्षों से चल रहे वर्क से जनता परेशान हो चुकी है। कई सड़कें दो वर्ष से बन रही हैं तो कई 4 वर्ष बीते जाने के बाद भी अधूरी ही नजर आ रही हैं। इनमें हर कुछ दिन में कोई खुदाई मशीन काम करते हुए नजर आ सकती है।

खंभे से टकरा सकता है आदमी

सड़क में 15 से 20 फीट की सीमा में कई जगह तो बीच सड़क की सीमा तक लगे इन विद्युत पोलों से दिन में तो दिक्कत नहीं होती है लेकिन रात के समय वाहन-चालक ने थोड़ी गफलत की तो वाहन सीधे खंभे से टकरा सकता है। इसी के साथ किनारे के हिस्से में ड्रेनेज, विद्युत के अलग-अलग चैंबर खुले हुए हैं। कई परेशानी बरकरार हैं जिससे स्मार्ट सड़क लाेगों का कहना है कि अब भी पुराने ढर्रे की ही नजर आ रही हैं।

चौड़ाई न बढ़ पाने का सभी को मलाल

इधर शहर के अंदर की स्मार्ट सड़कों में 100 करोड़ से अधिक राशि खर्च होने के बाद भी इनकी चौड़ाई न बढ़ पाने का सवाल हमेशा बना रहेगा। लोगों का कहना है कि जब इतना बड़ा बजट इन सड़कों में खर्च किया गया तो इनको आने वाले 20 से 25 वर्षों की आबादी के हिसाब से क्यों नहीं विकसित किया गया है। केवल अभी के नजरिए से इनकाे बनाया गया। संसाधनों को लेकर किसी तरह की दूरदर्शिता नहीं है।

Created On :   21 Jun 2023 12:12 PM GMT

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