जबलपुर: पाठ्यपुस्तक फर्जीवाड़ा व मनमानी फीस वसूली मामले में जमानत पर सुनवाई पूरी

पाठ्यपुस्तक फर्जीवाड़ा व मनमानी फीस वसूली मामले में जमानत पर सुनवाई पूरी
  • हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, पुस्तक विक्रेता व स्कूल प्राचार्यों ने लगाए हैं मामले
  • फर्जी आईएसबी नम्बर का उपयोग कर पुस्तकों का प्रकाशन करवाया जाता था।
  • पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गये 27 आरोपियों ने जमानत के लिए हाई कोर्ट में अर्जियाँ दायर की हैं।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पाठ्यपुस्तक फर्जीवाड़ा व मनमानी फीस वसूली के मामले में बनाए आरोपियों की ओर से दायर जमानत अर्जियों पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।

दरअसल, फर्जी आईएसबीएन पाठ्य पुस्तक व मनमानी फीस वृद्धि के विरुद्ध शहर के नौ थानान्तर्गत 11 प्रकरण दर्ज किए गए थे। प्रशासन व पुलिस की कार्रवाई के विरुद्ध चार याचिका व जमानत के लिए 27 अर्जियाँ दायर की गई थीं।

कुछ अग्रिम जमानत आवेदन भी दायर किए गए हैं। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में स्कूल के प्रबंधक, प्राचार्य व पाठ्य पुस्तक विक्रेताओं व पब्लिशर्स सहित 81 लोगों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गये 27 आरोपियों ने जमानत के लिए हाई कोर्ट में अर्जियाँ दायर की हैं। सभी याचिकाओं की सुनवाई संयुक्त रूप से की गई। गिरफ्तार किए गए प्राचार्य की ओर से तर्क किया गया कि वह कर्मचारी है और नीतियाँ प्रबंधन तय करता है।

पूरे प्रकरण में उनकी कोई भूमिका नहीं है। कर्मचारी होने के बावजूद पुलिस ने उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया। गिरफ्तार किए गए पुस्तक विक्रेताओं की तरफ से तर्क दिया गया कि प्रकाशक ने पुस्तकों की सप्लाई की थी।

पुस्तकों के फर्जी आईएसबी नम्बर के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। सरकार की ओर से जमानत अर्जियों का विरोध करते हुए कहा गया कि स्कूल प्रबंधन व पुस्तक विक्रेता मिली भगत कर एक्सपर्ट कमेटी के अनुमोदन के बिना प्रतिवर्ष पाठ्यक्रम में बदलाव कर देते थे।

फर्जी आईएसबी नम्बर का उपयोग कर पुस्तकों का प्रकाशन करवाया जाता था। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन के द्वारा अपनी ऑडिट रिपोर्ट में भी फर्जीवाड़ा किया गया है।

Created On :   11 July 2024 1:04 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story