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जबलपुर: गेहूँ की खरीदी शुरू होते ही पकड़ी गई धाँधली, पाँच पर प्रकरण तैयार
- उपार्जन केंद्र में उड़नदस्ते को जाँच में अधिक मिला 4 हजार 254 क्विंटल गेहूँ
- पोर्टल पर केवल 2489 क्विंटल की खरीदी दिखाई, मार्कफेड और वेयर हाउसिंग काॅर्पोरेशन संदेह के घेरे में
- समिति प्रबंधक सहित 5 के खिलाफ प्रकरण तैयार किया गया है और जाँच के बाद कई अन्य पर गाज गिरनी तय है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जिले में गेहूँ की खरीदी शुरू होते ही धाँधली भी सामने आ गई। कलेक्टर द्वारा गठित उड़नदस्ते ने पाटन के लुहारी में बड़ी गड़बड़ी उजागर की है। यहाँ गेहूँ की खरीदी 2489 क्विंटल हुई है जिसे पोर्टल पर भी दर्ज किया गया है जबकि वेयर हाउस के अंदर 6 हजार 743 क्विंटल गेहूँ मिला।
अब यह अतिरिक्त गेहूँ किसका है और बिना दर्ज किए अंदर कैसे पहुँच गया इसकी जाँच होगी। फिलहाल समिति प्रबंधक सहित 5 के खिलाफ प्रकरण तैयार किया गया है और जाँच के बाद कई अन्य पर गाज गिरनी तय है।
वहीं इस मामले को लेकर मार्कफेड यानी जिला विपणन संघ और वेयर हाउसिंग काॅर्पोरेशन पर भी संदेह जताया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर संयुक्त कलेक्टर एवं प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक श्रीमती नदीमा शीरी एवं सहायक आपूर्ति अधिकारी संजय खरे द्वारा सोमवार को पाटन तहसील की सेवा सहकारी समिति लुहारी के गेहूँ खरीदी केन्द्र स्थल अमित स्टोरेज वेयर हाउस की आकस्मिक जाँच की गई।
जाँच के दौरान पाया गया कि ई-उपार्जन पोर्टल पर मात्र 2 हजार 489 क्विंटल गेहूँ की ही खरीदी दर्ज है, जबकि गोदाम का भौतिक सत्यापन करने पर 6 हजार 743 क्विंटल गेहूँ भण्डारित पाया गया। इस प्रकार स्टाक में 4 हजार 254 क्विंटल गेहूँ अधिक पाया गया। यह गेहूँ बिना खरीदी किए तथा बिना हैंडलिंग चालान जारी किए भण्डारित किया जाना पाया गया।
कई और भी अनियमितताएँ मिलीं
जाँच में उपार्जन केन्द्र पर लेबर व्यय की दर का बैनर एवं पोस्टर लगा नहीं पाया गया। इसके अलावा उपार्जन केन्द्र पर नोडल अधिकारी भी उपस्थित नहीं मिले।
इन अनियमितताओं के कारण समिति प्रबंधक कृष्ण कुमार गर्ग, कम्प्यूटर ऑपरेटर यशवंत सिंह, वेयर हाउस मैनेजर अमित अग्रवाल, मार्कफेड के सर्वेयर नब्बू सिंह तथा वेयर हाउस के गोदाम प्रभारी मनोज श्रीवास के विरुद्ध प्रकरण तैयार किया गया है। विस्तृत जाँच मेंअन्य जो भी दोषी पाए जाएँगे, उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
हैंडलिंग चार्ज मार्कफेड का
बताया जाता है कि हर खरीदी केन्द्र में मार्कफेड का एक सर्वेयर होता है और उसके द्वारा हैंडलिंग चार्ज वसूला जाता है तब गेहूँ को वेयर हाउस के अंदर रखा जाता है। यहाँ वेयर हाउसिंग काॅर्पोरेशन का कर्मी तैनात रहता है जो स्वीकृति पत्र जारी करता है।
बिना इन दोनों कर्मचारियों की अनुमति के गेहूँ वेयर हाउस के अंदर जा ही नहीं सकता। यही कारण है कि इन दोनों संस्थाओं के अधिकारियों पर भी संदेह जताया जा रहा है। निरीक्षण दोनों संस्थाओं के अधिकारी भी करते हैं लेकिन इन्हें कभी कोई गड़बड़ी मिलती ही नहीं।
Created On :   16 April 2024 6:18 PM IST