रेट को लेकर विवाद, किसानों ने फेंका मटर, हंगामा, प्रदर्शन

ट्रकों की निकाली हवा, कई किलो मीटर तक लगा जाम, कृषि उपज मंडी और सहजपुर मंडी में हुआ जमकर हंगामा

डिजिटल डेस्क जबलपुर। हरे मटर के कम रेट लगाए जाने को लेकर कृषि उपज मंडी जबलपुर और सहजपुर मंडी में सोमवार को जमकर विवाद हुआ। कुछ किसानों ने मटर फेंक दिया तो कई ने कृषि उपज मंडी के गेट नंबर-एक के सामने माल को रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान हंगामे की स्थिति बनी रही। किसानों का कहना था कि उन्हें जो रेट दिया जा रहा है, उसमें मटर की तुड़ाई तक का खर्च नहीं निकल पाएगा। मटर के रेट को लेकर व्यापारियों का कहना था कि क्वॉलिटी खराब थी जिसको लोड नहीं किया जा सकता है इसलिए मटर को खरीदने के लिए बोली नहीं लगाई जा सकी। बताया गया है कि बेमौसम बारिश से हरे मटर की फल्ली की क्वॉलिटी खराब हो गई है। जिसके चलते माल मंडी में बिक नहीं रहा है। व्यापारी ऐसे मटर की खरीदी नहीं कर रहे हैं। जिससे किसानों को अपनी फसल को मंडी में ही फेंकना पड़ा। किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।

बड़ी मात्रा में पहुँचा मटर -

बताया जाता है कि पिछले तीन-चार दिनों में हुई बारिश के कारण हरे मटर की फसल गलने लगी है। चँूकि हल्की-हल्की बारिश हो रही थी इसलिए मटर की फसल की किसान तुड़वाई भी नहीं करा पाए। बारिश थमी तो एक साथ मटर की तुड़ाई हो गई। इसके कारण मंडियों में भारी मात्रा में मटर की फसल पहुँच गई, जिससे मटर के दाम 4 रुपए किलो तक आ गए। इससे किसान आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। सैकड़ों किसानों की हरे मटर की व्यापारियों द्वारा बोली नहीं लगाई गई। इससे किसानों को अपनी फसल मंडियों में ही फेंकनी पड़ी। उनका कहना था कि 4 रुपए में तो खेत से मटर की तुड़ाई कराने का भी खर्च नहीं निकल पाएगा। भारत कृषक समाज के केके अग्रवाल और रुपेन्द्र पटेल ने बताया कि हर साल बाहर से व्यापारी आते हैं और मटर के दाम को लेकर अपनी मनमानी पर दाम बोलते हैं। इससे किसानों को अपनी फसल कम दाम पर बेचनी पड़ती है।

क्वॉलिटी पर पड़ा असर

बताया जाता है कि बारिश के कारण मटर की क्वॉलिटी खराब हो गई है। बारिश के कारण हरे मटर की फल्ली पानी से गलने लगी है। इसके कारण हरे मटर को बाहर लोडकर नहीं भेजा जा सकता है जिसके कारण व्यापारी ऐसे मटर को खरीदने से बच रहे हैं जिससे बहुत से किसानों ने अब अपनी फसल को घर ले जाने की बजाय मंडी में ही फेंकना बेहतर समझा। वहीं हरे मटर के व्यापारी टोनी अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को मटर की आवक बहुत अधिक हो गई थी। चूँकि बारिश के कारण खेत में मटर की तुड़ाई नहीं हो सकी थी। जब मौसम खुला तो सभी किसानों ने मटर की तुड़ाई करवा ली और मंडी में मटर लेकर पहुँच गए। इसके साथ ही बारिश से मटर की क्वॉलिटी भी खराब हो गई। ऐसे मटर को बाहर लोड करके नहीं भेजा जा सकता है।

सहजपुर में भी बड़ा प्रदर्शन, लगा जाम

मटर के वाहन मंडियों में पहुँचने के चलते जबलपुर कृषि उपज मंडी सहित सहजपुर मंडी के बाहर वाहनों का लंबा जाम लगा रहा। इसके कारण किसानों को भी अपने माल को लोड और अनलोड करने में बहुत परेशानी उठानी पड़ी। वहीं दूसरी ओर भोपाल की ओर जाने वाले लोगों को सहजपुर में जाम के चलते परेशानी उठानी पड़ी। बताया जाता है कि किसानों ने अपनी माँगों को लेकर सहजपुर मंडी के सामने जाम लगा दिया।




प्रदर्शन के चलते जबलपुर से भोपाल जाने वाले हाईवे पर वाहनों के पहिए जाम होने से 4 से 5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जाम के चलते ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है और वाहनों को सहजपुर टोल नाका से पाटन चरगवाँ रोड पर डायवर्ट किया गया है। वहीं जबलपुर से भोपाल की ओर जाने वाले वाहनों को अंधमूक बाईपास से चरगवाँ की और डायवर्ट किया गया है।

- वाहनों के जाम को खुलवा दिया गया है। एसडीएम ने मौके पर पहँुचकर व्यवस्थाएँ बनाई हैं। किसानों और व्यापारियों के बीच जो रेट को लेकर विवाद था उसे दोनों पक्ष में आपस में बैठाकर सुलझा लिया जाएगा।

- सौरभ कुमार सुमन, कलेक्टर

Created On :   4 Dec 2023 11:22 PM IST

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