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जबलपुर: जिला उपार्जन समिति की बैठक में लिया गया निर्णय
- गेहूँ खरीदी को लेकर प्रशासन अलर्ट, होगी कड़ी जाँच
- सिकमी और पंजीयन पर सख्त नजर रखने की हिदायत
- आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड होना पड़ा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। दूध का जला छाछ को भी फूँक-फूँक कर पीता है कुछ इसी तर्ज पर जिला प्रशासन भी धान में की गई अनियमितताओं को पीछे छोड़कर गेहूँ की खरीदी में पूरी सावधानी बरतेगा।
किसानों के पंजीयन से ही सख्ती की जाएगी और सिकमीनामों की भी कठोरता के साथ जाँच कराई जाएगी, ताकि किसी भी तरह से व्यापारी या अन्य लोग इसका लाभ न ले सकें।
धान के मामले में तो व्यापक लापरवाही की गई और इसी का परिणाम था कि आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड होना पड़ा और अभी भी कई पर गाज गिर सकती है।
कलेक्टर दीपक कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला उपार्जन समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें कलेक्टर ने कहा कि गेहूँ की खरीदी की तैयारी अभी से की जाए। खरीदी में वास्तविक किसानों का ही पंजीयन हो सके, इसमें सिकमीनामा, बँटाइदारों के पंजीयन की जाँच विशेष रूप से की जाए।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह, शेर सिंह मीणा, जिला आपूर्ति नियंत्रक सीएस जादौन एवं उपार्जन से संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
अमानक धान खरीदी तो होगी कार्रवाई| कलेक्टर ने कहा कि जिन धान उपार्जन केन्द्रों पर अमानक स्तर की धान का उपार्जन किया गया है, वहाँ जिला उपार्जन समिति के सदस्य स्वयं उपस्थित होकर मानक स्तर की धान की खरीदी कराएँ एवं अमानक स्तर की धान किसी भी स्थिति में उपार्जित न की जाए। जिस भी व्यक्ति के द्वारा अमानक स्तर की धान खरीदी की जाएगी उसके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
189 किसानों की धान जेसीबी से मिलाई | बताया जाता है कि अब बहुत से वेयर हाउस में किसानों को परेशान करने का नया तरीका अपनाया जा रहा है। इन वेयर हाउसों में अवैध तरीके से रखी धान को मिक्स किया जा रहा है।
योगमाया वेयरहाउस के संचालक ने लगभग 189 किसानों की धान को जेसीबी से मिक्स कर दिया, इसमें मानक और अमानक दोनों ही धान शामिल हैं। किस किसान ने कौन सी धान रखी अब इसे पहचानना संभव नहीं है। बताया जाता है कि प्रशासन ने वेयरहाउस संचालक के खिलाफ एफआईआर की तैयारी कर ली है।
सख्ती से रोकें जाएँ अवैध उत्खनन, दोषियों पर दर्ज हो एफआईआर| जिले में जहाँ भी अवैध उत्खनन हो रहा है उसे तत्काल रोका जाए, खनन चाहे रेत का हो, मुरुम का हो या अन्य किसी भी खनिज का उसे हर हाल में बंद कराया जाए।
दोषियों के खिलाफ सम्बंधित थाने में सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाए। अवैध परिवहन रोकने लगातार खनिज दल और टास्क फोर्स निगरानी करे। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं चलेगी।
मंगलवार को अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण को रोकने गठित जिला टास्क फोर्स समिति की आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि अवैध उत्खनन की जहाँ से भी सूचना मिले खनिज विभाग एवं पुलिस द्वारा तत्काल कार्यवाही की जाए।
कलेक्टर श्री सक्सेना ने बैठक में रेत खदानों की सीमा का चिन्हांकन करने के निर्देश दिए तथा स्वीकृत सीमा से अधिक क्षेत्र में खनन पाए जाने पर कार्यवाही करने की हिदायत दी।
अवैध परिवहन वाले वाहनों पर कार्रवाई| कलेक्टर ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी से भी कहा कि अवैध उत्खनन में जब्त वाहनों के रजिस्ट्रेशन अर्थ दंड की राशि वसूल न होने तक निरस्त कर दिए जाएँ। कलेक्टर ने अवैध उत्खनन में लिप्त वाहनों की जब्ती की कार्यवाही में अवरोध पैदा करने वाले वाहन मालिकों को भी सहअभियुक्त बनाने के निर्देश बैठक में दिए।
नए निवेश की संभावनाएँ तलाशें| कलेक्टर श्री सक्सेना ने बैठक में खनिज के क्षेत्र में नए उद्योग और निवेश की संभावनाएँ तलाशने पर भी बैठक में जोर दिया तथा इसके लिए जरूरी पहल करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला खनिज अधिकारी रत्नेश दीक्षित, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जीतेन्द्र सिंह रघुवंशी तथा पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारी भी मौजूद थे।
Created On :   17 Jan 2024 1:54 PM GMT