जबलपुर: बगैर बताए गायब हुए कंसल्टेंट चिकित्सक, बिना सूचना के लौटे

बगैर बताए गायब हुए कंसल्टेंट चिकित्सक, बिना सूचना के लौटे
  • 40 दिन से ज्यादा अवकाश पर रहे एसईपीएम केे चार डॉक्टर, प्रबंधन के पत्रों का नहीं दिया जवाब
  • बिना बताए लौटने पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अब तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।
  • चार चिकित्सकों के गायब होने से शुरुआती दिनों में मरीजों की उपचार व्यवस्था प्रभावित हो गई थी।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन में 4 कंसल्टेंट चिकित्सक और 14 पीजी स्टूडेंट्स को मिलाकर कुल 18 चिकित्सक 40 दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहने के बाद अचानक काम पर लौट आए।

बिना बताए गायब हो जाने और बिना बताए लौटने पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अब तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।

चिकित्सकों ने गायब रहने का कारण तक विभाग को नहीं बताया। बता दें कि संस्थान में कार्यरत 4 कंसल्टेंट चिकित्सक प्रो. डाॅ. संजय भारती, एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. ब्रह्मप्रकाश, असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. अविनाश जैन व डॉ. ब्रज बिहारी पटेल 23 जनवरी से बिना जानकारी दिए अवकाश पर चले गए थे और 4 मार्च को 42 दिनों बाद अचानक ही विभाग में काम करने पहुँच गए।

नहीं की मरीजाें की चिंता

जानकारी के अनुसार चिकित्सकों नेे अवकाश पर जाने से पहले उपचाररत मरीजों के बारे में कोई चिंता नहीं की, बल्कि आईसीयू एवं अन्य वार्डों में भर्ती मरीजों के उपचार से जुड़ी फाइलें भी विभाग के सुपुर्द नहीं कीं। मेडिकोलीगल दस्तावेज भी नहीं दिए। वहीं चिकित्सकों के द्वारा ज्वाॅइन करने के बाद विभाग में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया और न ही सक्षम अधिकारी का कोई पत्र प्रस्तुत किया गया।

उच्चाधिकारियों को दी डॉक्टरों के गायब होने की सूचना

जानकारी के अनुसार ड्यूटी पर बिना बताए अनुपस्थित रहने से जुड़े मामले में तत्कालीन डायरेक्टर डॉ. जितेंद्र भार्गव द्वारा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा संचालक, संभागायुक्त जबलपुर संभाग, एनएससीबीएमसी डीन समेत अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र जारी कर चिकित्सकों के बिना बताए गायब रहने की सूचना दी गई थी।

नहीं हो सका संभागायुक्त-डीन से संपर्क

पूरे मामले को लेकर जब संभागायुक्त एवं मेडिकल कॉलेज डीन से संपर्क किया गया, तो बात नहीं हो सकी। बता दें कि एसईपीएम की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 150 से ज्यादा मरीज आते हैं। लगभग सौ मरीज भर्ती रहते हैं। विभाग में कुल 11 चिकित्सक थे। चार चिकित्सकों के गायब होने से शुरुआती दिनों में मरीजों की उपचार व्यवस्था प्रभावित हो गई थी।

Created On :   20 March 2024 12:15 PM GMT

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