जबलपुर: बिजली हानि का दो तिहाई भार कम्पनियाँ स्वयं उठाएँ

बिजली हानि का दो तिहाई भार कम्पनियाँ स्वयं उठाएँ
  • नियामक आयोग में टैरिफ रेग्युलेशन संशोधनों का किया जाए पालन
  • कलेक्शन एफिशिएंसी हो 100 प्रतिशत
  • आयोग ने कहा है कि यह 100 प्रतिशत होना चाहिए

डिजिटल डेस्क,जबलपुर| विद्युत नियामक आयोग ने टैरिफ रेग्युलेशन 2021 में द्वितीय संशोधन कर उन्हें 8 दिसम्बर 2023 को मप्र राजपत्र में प्रकाशित किया है। रेग्युलेशन 26,1 तथा 26,2 में संशोधन कर तीनों वितरण कम्पनियों को बिजली चोरी को घटाने के लक्ष्य दिए हैं। वर्ष 2023-24 के औसतन 15.5 प्रतिशत की जगह वर्ष 2024-25 में वह 17.48 प्रतिशत कर दिया है। नागरिक उपभोक्ताओं मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने बताया कि इस प्रकार रेग्युलेशन 20 में संशोधन कर नियामक आयोग ने बिजली हानि अंतर को उपभोक्ताओं तथा बिजली कंपनियों में बाँटने हेतु निर्देश जारी किये हैं।

लाभ के दो तिहाई भाग को उपभोक्ताओं में देने तथा हानि के दो तिहाई भाग को स्वयं कम्पनियों को उठाने के निर्देश दिये गये हैं। इसी अंतर के दो तिहाई भाग को स्वयं बिजली कम्पनियों को उठाना था तथा विद्युत नियामक आयोग द्वारा किये गये टैरिफ रेग्युलेशन संशोधनों का पालन करना चाहिए था। इसलिए याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। डॉ. नाजपांडे ने आपत्ति कर बताया कि बिजली कम्पनियों द्वारा दायर याचिका के अनुसार 97877 मिलियन यूनिट्स बिजली सप्लाई की जाएगी, लेकिन सिर्फ 76963 मिलियन यूनिट्स की राशि मिलने की स्थिति है। इससे स्पष्ट है कि 21.37 प्रतिशत बिजली की हानि होने की आशंका है।

Created On :   9 Jan 2024 12:47 PM GMT

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