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मनमानी: सीएमएचओ और सिविल सर्जन के आदेश की अवहेलना कलेक्टर को कार्रवाई के लिए लिखा पत्र, 10 डॉक्टरों को नोटिस
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
जिला अस्पताल विक्टाेरिया के आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में आने वाले मरीजों को इन दिनों अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह चिकित्सकों की कमी है। यही नहीं जिन चिकित्सकों काे यहाँ मरीजों के उपचार के लिए ड्यूटी पर लगाया गया है, वे भी गायब हैं और ड्यूटी नहीं करना चाहते।
स्थिति यह है कि गंभीर स्थिति में आए मरीजों को मौके पर चिकित्सक नहीं मिलते, जिसके कारण उन्हें दूसरे अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। चिकित्सकों की कमी की भरपाई करने सीएमएचओ द्वारा यहाँ शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई थी, जिसके लिए रोस्टर भी बनाया गया, लेकिन सीएमएचओ द्वारा जारी आदेश के बाद भी चिकित्सक ड्यूटी करने नहीं पहुँच रहे। मरीजों को पेश आ रही दिक्कतों के चलते सिविल सर्जन ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है, साथ ही 10 चिकित्सकों को नोटिस जारी किया है।
मिले कड़ा दण्ड
सिविल सर्जन डॉ. मिश्रा द्वारा कलेक्टर को भेजे गए शिकायत पत्र में दिए गए अभिमत के अनुसार आकस्मिक ड्यूटी करना डाक्टरों के लिए बाध्यकारी है, जो चिकित्सक ड्यूटी नहीं करते, उन्हें छोटी-मोटी सजा न देकर कड़ा दण्ड दिया जाना चाहिए, ताकि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो सके। ड्यूटी न करने वाले चिकित्सकों को आरएमओ द्वारा दूरभाष के माध्यम से ड्यूटी के बारे में जानकारी दी गई, लेकिन चिकित्सक नहीं पहुँचे।
निरीक्षण के दौरान नहीं मिले डॉक्टर
सिविल सर्जन डॉ. मनीष मिश्रा ने बताया कि ऐसा कई बार हुआ है कि कैजुअल्टी के औचक निरीक्षण करने के दौरान चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं मिले। बिना कारण बताए गायब रहने पर 10 चिकित्सकों को नोटिस जारी किया है। ये सभी शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर पदस्थ चिकित्सक हैं, जिनकी ड्यूटी कैजुअल्टी में लगाई गई थी। जो डॉक्टर बिना बताए ड्यूटी पर नहीं पहुँच रहे हैं, इनमें डाॅ. पल्लवी ठाकुर, डाॅ. राजेश अहिरवार, डाॅ. साक्षी निगम, डाॅ. नितिन यादव, डाॅ. विशाखा सिंह, डाॅ. लुकमान खान, डाॅ. शुभी दुबे, डाॅ. माेहम्मद विलाल फारूखी, डाॅ. मुकेश कुमार सोनी, डाॅ. संदीप शुक्ला शामिल हैं। वहीं डाॅ. विनीता लोनावत और डाॅ. देवेंद्र कुमार लोधी ने आगामी ड्यूटी करने से मना कर दिया है।
यह है स्थिति
डॉक्टर न मिलने से मरीज कैजुअल्टी में कराहते रहते हैं, स्थिति गंभीर होने पर अन्य अस्पतालों में जाना पड़ता है।
आपराधिक प्रकरण में घायलों व आरोपियों का मुलाहिजा कराने में पुलिस को भी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं।
वर्तमान स्थिति में विक्टाेरिया में डॉक्टर कम हैं। प्रमोशन के चलते कमी हो गई है। सरकार के निर्देश हैं कि जिला अस्पताल में शहरी स्वास्थ्य केंद्रों के जूनियर क्लास-1 चिकित्सकों की ड्यूटी लगानी है। इसलिए ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन डॉक्टर नहीं आ रहे हैं। मरीजों को परेशानी हो रही है। इस बारे में एनएचएम भोपाल में चर्चा हुई है। तीन नोटिस देने के बाद भी उपस्थित न होने पर सेवाएँ समाप्त करने का नियम है।
-डाॅ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ
Created On :   8 May 2023 1:39 PM IST