जबलपुर: नागपुर-जबलपुर से रीवा हाईवे पर 7 स्थान ऐसे, जहाँ ज्यादा हादसे हो रहे

नागपुर-जबलपुर से रीवा हाईवे पर 7 स्थान ऐसे, जहाँ ज्यादा हादसे हो रहे
  • इन जगहों पर बनेंगे छोटे फ्लाईओवर, केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय जल्द देगा अनुमति
  • यहाँ से प्रपोजल दिल्ली भेजा गया, धूमा से स्लीमनाबाद के बीच ज्यादा दुर्घटनाएँ
  • ब्लैक स्पॉट वाले स्थानों को हम ट्रैफिक के लिहाज से जल्द और बेहतर बना देंगे

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लखनादौन से नरसिंहपुर, सागर, ललितपुर, झाँसी 44 नंबर हाईवे के ब्लैक स्पॉट पर 23 अंडर व्हीकल पास और छोटे फ्लाई बनाने का शिलान्यास विगत दिवस किया गया।

इस मार्ग की तरह ही अब नागपुर-जबलपुर, जबलपुर-रीवा इलाहाबाद हाईवे पर 7 स्थानों पर छोटे फ्लाईओवर बनाने की योजना है।

जबलपुर की सीमा में लम्हेटाघाट चौराहा, आगे खजरी खिरिया चौराहा, इससे आगे महराजपुर एंट्री प्वाॅइंट पर, उससे आगे सिहोरा खितौला, कटनी के हिस्से में गाँधीग्राम, स्लीमनाबाद, तेवरी, सिवनी के हिस्से में धूमा के एंट्री प्वाॅइंट वाला हिस्सा ऐसा है, जहाँ पर हाईवे पर ज्यादा हादसे हो रहे हैं।

इन हादसों वाले हाईवे तिराहों और चौराहों पर आलम यह है कि हर माह किसी न किसी की दुर्घटना में जान जा रही है। बढ़ते हादसों को लेकर एनएचएआई ने सर्वे कर एक प्रपोजल बनाया और केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय दिल्ली को भेजा गया है।

इस प्रपोजल पर बीते साल वर्क नहीं हो सका, लेकिन इस साल इसमें जल्द ही टेण्डर जारी किया जा सकता है। इन छोटे अंडर व्हीकल पास, फ्लाईओवर के बनने से ऐसे एरिया में हादसों काे रोका जा सकता है।

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृत लाल साहू कहते हैं कि इसके लिए जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसको जल्द स्वीकृति मिलेगी। ब्लैक स्पॉट वाले स्थानों को हम ट्रैफिक के लिहाज से जल्द और बेहतर बना देंगे।

दुर्घटना की वजह ये

जो हाईवे के तिराहे या चौराहे हैं, उनमें दोनों हिस्सों से तेज रफ्तार से बड़े वाहन आते हैं। इन वाहनों के सामने शहर के अंदर से आने वाले और शहर की ओर मुड़ने वाले वाहनों का दबाव होता है।

सामान्यत: हादसा नहीं होता है, लेकिन थोड़ी भी गफलत की तो बड़े वाहन पर नियंत्रण मुश्किल हो जाता है।

इन स्थानों पर स्पीड ब्रेकर बनाकर कुछ दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया, लेकिन उसके बाद भी हादसे नहीं थम सके।

700 से 800 मीटर के व्हीकल अंडर पास

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ऐसे चिन्हित स्थानों पर 700 से 800 मीटर तक के अंडर व्हीकल पास, छोटे फ्लाईओवर बनाने का प्लान है। इन संरचनाओं के निर्माण के बाद शहरी वाहन को आने-जाने का बेहतर रास्ता मिलेगा, साथ ही हादसों में कमी भी आयेगी।

जो हाईवे पर तेज गति से चलने वाले वाहन हैं, उनकी गति पर भी किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा।

Created On :   5 Feb 2024 2:02 PM GMT

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