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जबलपुर: जिले में 10 शालाएँ, जिनमें एक छात्र का भी नामांकन नहीं
- 82 स्कूल बंद होंगे, 10 के लिए आज आखिरी दिन
- पोर्टल पर दर्ज संख्या को जाँचने मैदान में उतरी शिक्षा विभाग की टीम
- इस बात में सरकारी स्कूलों की बदतर स्थिति जैसी ही सच्चाई है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जिले के 82 स्कूल बंद होने जा रहे हैं। चौंकिए नहीं…। इस बात में सरकारी स्कूलों की बदतर स्थिति जैसी ही सच्चाई है। दरअसल, इन स्कूलों में विद्यार्थी नहीं हैं और जहाँ हैं भी, तो न के बराबर। शिक्षा विभाग को ऐसे 10 स्कूलों की अलग लिस्ट हाथ लगी है, जिनमें एक भी छात्र नहीं। लिहाजा, आज सोमवार से इन स्कूलों को हमेशा के लिए बंद किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग में अक्सर यही सुना और देखा गया कि स्कूल में शिक्षकों की कमी है। एक ही शिक्षक पर दो, तीन और चार कक्षाओं की जिम्मेदारी है। इस बार मसला कुछ अलग और काफी हैरान करने वाला है। शिक्षा विभाग के पोर्टल पर मशक्कत के बाद ऐसे स्कूलों की खोजबीन की गई, जहाँ बच्चों की दर्ज संख्या काफी कम है। हैरानी वाली बात यह है कि इस खोजबीन में 82 स्कूल सामने आए, जिनमें छात्रों की संख्या अँगुलियों पर गिने जाने लायक है। खास बात यह है कि सभी स्कूल कक्षा पहली से दसवीं तक के हैं।
7 दिन में तैयार होगी रिपोर्ट
जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने सभी विकास खंड अधिकारी, प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि पोर्टल पर दर्ज आँकड़ों का वास्तविक सत्यापन किया जाए। 7 दिनों के भीतर सत्यापन करने वाली टीम में बीईओ, बीआरसी, संकुल प्राचार्य के अलावा संबंधित जन शिक्षक भी शामिल रहेंगे।
बढ़ते स्कूलों के बीच घटते छात्र
जीरो नामांकन सबसे ज्यादा पाटन में
सरकारी स्कूलों से बच्चों की बढ़ती दूरी के मामले में पाटन सबसे आगे है। जानकारों का कहना है कि जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूलों में पाटन के लोहारी कटिया, पीएस मौसवा, आमाखेड़ा, बैजला और तिलगवाँ शामिल हैं। इसके अलावा पनागर से पंतगंज तथा मझौली से घघरी टोला, बिरिया तथा जबलपुर ग्रामीण से इंद्रा काॅलोनी और मिडकी स्कूल शामिल हैं।
शासन के निर्देश पर कार्रवाई
जिन स्कूलों में बच्चे नहीं हैं, ऐसे 10 स्कूलों को सोमवार से बंद करने के आदेश जारी कर दिए जाएँगे। शेष दसवीं तक की कक्षा के 72 स्कूल भी जाँच पड़ताल के बाद शीघ्र ही बंद किए जाएँगे। यह निर्देश शासन स्तर पर दिए गए हैं।
योगेश शर्मा, डीपीसी।
Created On :   8 Jan 2024 7:26 PM IST