‌Beed News: प्रताड़ना से तंग आकर बीड में शिक्षक ने बैंक के पास की आत्महत्या

  • आत्महत्या के पहले सोशल मीडिया पर साझा किए पोस्ट
  • 18 साल काम किया, लेकिन वेतन नहीं है
  • श्रावणी बाला, अपने पापा को माफ कर देना

Beed News बीड शहर में 15 मार्च को सुबह 3 बजे के करीब एक शिक्षक ने स्वराज्य नगर परिसर के कृष्णा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के बाहर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फांसी लगाने के पहले सोशल मीडिया पर साझा किए पोस्ट कहा, श्रावणी बाला, हो सके तो अपने पिता को माफ कर देना। मैं 18 साल से काम कर रहा हूं, लेकिन मुझे अभी तक वेतन नहीं मिला है। मुझे बहुत प्रताड़ित किया गया है। उसने यह भी पोस्ट किया है कि वह मुझे कष्ट देकर मार डालने वाले थे।

जानकारी के अनुसार शिक्षक का नाम धनंजय नागरगोजे (35) (निवासी देवगांव तहसील केज जिला बीड)यह पिछले 18 साल से केलगांव में एक निवासी स्कूल जो 2019 में राज्य सरकार ने 20 प्रतिशत अनुदान दिया था।वहां पर शिक्षक पद पर कार्यरत थे।उन्होंने कृष्णा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की शाखा के बाहर आत्महत्या कर ली। अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कुछ लोगों का नाम भी लिया है और कहा है कि ये लोग मेरी मौत के लिए जिम्मेदार हैं।

नागरगोजे की पोस्ट वास्तव में क्या है? आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में शिक्षक धनंजय नागरगोजे ने कहा श्रावणी बाला, हो सके तो अपने पिता को माफ कर दो।मैं माफ़ी मांगना चाहता हूं, लेकिन मैं इसके लायक नहीं हूं। बेटी, मैंने तुम्हारे बारे में बहुत सारे सपने देखे थे, लेकिन वे सपने सपनों में ही दब गए। मुझे क्या करना चाहिए? स्वार्थ की बात मेरे मन में कभी नहीं आई। मैंने कभी किसी से दो रुपए की ठगी नहीं की, न ही किसी से कर्ज लिया।

धनंजय नागरगोजे ने पोस्ट में कहा है कि विक्रम बाबूराव मुंडे, विजय विक्रम मुंडे, अतुल विक्रम मुंडे और उनके कार्यकर्ता उमेश रमेश मुंडे, गोविंद नवनाथ आव्हाड, ज्ञानेश्वर राजेभाऊ मुरकुटे सभी ने मुझे बहुत परेशान किया है। मैं इस दर्द से मर जाउंगा। उन्होंने मुझे इसलिए पीटा क्योंकि मैंने उनसे पूछा था, मैं पिछले 18 वर्षों से आपके स्कूल में काम कर रहा हूं। मुझे अभी तक वेतन नहीं मिला है।

आगे क्या करना है, इस पर विक्रम बप्पा ने कहा, तुम फांसी लगा लो।इसका मतलब यह है कि आप स्वतंत्र हैं और मैं भी आपकी जगह कोई दूसरा कर्मचारी रखने के लिए स्वतंत्र हूं। मेरे पैरों तले की जमीन खिसक गई और उसके बाद से इन लोगों ने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया श्रावणी बेटी यह सभी राक्षस हैं। इन राक्षसों के कारण ही मैं तुमसे दूर जा रहा हूँ। मैं वास्तव में आपसे एक बार मिलना चाहता था, लेकिन मैं एक गरीब पिता के रूप में आपके पास आया। मैं क्या करूं? इन लोगों ने मेरे पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। धनंजय नागरगोजे आगे कहते हैं कि मेरी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं। लेकिन आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

श्रावणी बेटी, मुझे माफ़ कर दो। मैं तो माफ़ी के भी लायक नहीं हूं।जब आपको पता चले तो मुझे माफ़ कर देना। मुझे बहुत दर्द हो रहा है। विक्रम बाबूराव मुंडे, विजयकांत विक्रम मुंडे, अतुल विक्रम मुंडे, उमेश रमेश मुंडे, ज्ञानेश्वर राजेभाऊ मुरकुटे, गोविंद (अमोल) नवनाथ आव्हाड, ये सभी मेरी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार हैं। क्योंकि उन्होंने मुझे बहुत परेशान किया है। उनके कारण मैं अपना जीवन समाप्त कर रहा हूं। अब तक मेरी वजह से अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हों तो मैं माफी चाहता हूं। माफ़ करें। सभी को मेरा आखिरी राम राम

जांच में जुटी बीड पुलिस : घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची लोगों के मदद से शिक्षक का शव फांसी के फंदे पर से निछे उतारा शव का जिला सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम कर शव को परिजनों के हवाले किया।आगे की जांच पुलिस कर रही है।

Created On :   15 March 2025 5:29 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story