मंदी की चपेट में ऑटोमोबाइल सेक्टर, 21 साल बाद यात्री वाहनों की बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट

Monthly passenger vehicle sales log worst-ever drop in August
मंदी की चपेट में ऑटोमोबाइल सेक्टर, 21 साल बाद यात्री वाहनों की बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट
मंदी की चपेट में ऑटोमोबाइल सेक्टर, 21 साल बाद यात्री वाहनों की बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट
हाईलाइट
  • 21 साल बाद यात्री वाहनों की बिक्री में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है
  • इस सेक्टर में पिछले कुछ महीनों के दौरान खरीदार काफी कम हुए हैं
  • भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी की चपेट में है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी की चपेट में है। इस सेक्टर में पिछले कुछ महीनों के दौरान ना सिर्फ उत्पादन में कमी आई है, बल्कि खरीदार भी कम हुए हैं। भारतीय आटोमोबाइल विनिर्माता सोसायटी (सियाम) की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार लगातार दसवें महीने अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री कम हुई है। 21 साल बाद वाहनों की बिक्री में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है।

आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2019 में यात्री वाहनों की बिक्री एक साल पहले इसी माह की तुलना में 31.57 प्रतिशत घटकर 1,96,524 वाहन रह गई। पिछले साल अगस्त में 2,87,198 वाहनों की बिक्री हुई थी। साल 1997-98 के बाद पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है। घरेलू बाजार में कारों की बिक्री भी 41.09 प्रतिशत घटकर 1,15,957 रह गई जबकि एक साल पहले अगस्त में 1,96,847 कारें बिकी थी।

दुपहिया वाहनों की बात की जाए तो इसकी बिक्री 22.24 प्रतिशत घटकर 15,14,196 यूनिट रह गई जबकि एक साल पहले इसी माह में देश में 19,47,304 दुपहिया वाहनों की बिक्री हुई थी। अगस्त माह में कमर्शियल वाहनों की बिक्री भी पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 38.71 प्रतिशत घटकर 51,897 यूनिट रह गई।

पिछले हफ्ते हुए एक कॉन्फ्रेंस में ऑटो कंपनियों के प्रमुखों ने केंद्र से आग्रह किया था कि वह सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा था, सुस्त मांग के कारण सैकड़ों हजारों लोगों की नौकरियां चली गईं है। इसके बाद सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि सरकार इस क्षेत्र में मदद करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा था कि वित्त मंत्रालय से पेट्रोल, डीजल और हाइब्रिड वाहनों पर करों में कटौती पर विचार करने के लिए कहा गया है।

बता दें कि सुस्त मांग के चलते हाल ही में मारुति और हीरो मोटोकॉर्प जैसी दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अपने प्रोडक्शन को घटाने का ऐलान किया था। मारुति ने अपने बयान में कहा था,  "हरियाणा के गुरुग्राम और मानेसर प्लांट को दो दिनों तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। 7 और 9 सितंबर को इन दोनों प्लांट में कारों का प्रोडक्शन नहीं होगा। ये फैसला उत्पादन क्षमता को नियंत्रित करने के लिए लिया है।

Created On :   9 Sept 2019 10:27 AM GMT

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