इंफोसिस के शेयर में भारी गिरावट, निवेशकों के एक दिन में डूबे 53,451 करोड़ रुपये

Infosys shares tanks nearly 17%, market cap drops by Rs 53,451 crore on whistleblower complaint
इंफोसिस के शेयर में भारी गिरावट, निवेशकों के एक दिन में डूबे 53,451 करोड़ रुपये
इंफोसिस के शेयर में भारी गिरावट, निवेशकों के एक दिन में डूबे 53,451 करोड़ रुपये

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आईटी सेवाओं की फर्म इंफोसिस के शेयरों ने मंगलवार को लगभग 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के चलते इंफोसिस के निवेशकों के एक दिन में 53,451 करोड़ रुपये डूब गए। कंपनी पर आरोप लगे हैं कि शॉर्ट टर्म रेवेन्यू और प्रॉफिट को बढ़ाने के लिए दो टॉप एग्जीक्यूटिव ने अनैतिक तरीकों का सहारा लिया।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर इंफोसिस का शेयर 16.21 प्रतिशत टूटकर 643.30 रुपये पर बंद हुआ। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर यह 16.65 प्रतिशत गिरकर 640 रुपये पर बंद हुआ। इस गिरावट के बाद कंपनी का मार्केट वैल्यूएशन 53,450.92 करोड़ रुपये कम होकर 2,76,300.08 करोड़ रुपये हो गया है। ट्रेडेड वॉल्यूम की बात की जाए तो कंपनी के 117.70 लाख शेयरों का बीएसई पर कारोबार हुआ जबकि एनएसई पर 9 करोड़ से ज्यादा शेयर ट्रेड हुए।

खबरों के अनुसार,  "एथिकल एम्प्लॉयी" नाम से कर्मचारियों के ग्रुप ने कंपनी के बोर्ड को 20 सितंबर को पत्र लिखा जिसमें कंपनी के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय पर अकाउंटिंग में गड़बड़ी कर कंपनी का प्रॉफिट बढ़ाने की कोशिशों के आरोप लगाए गए। पारेख और रॉय पर आरोप हैं कि उन्होंने अनैतिक तरीका अपनाकर शॉर्ट टर्म में कंपनी का रेवेन्यू और प्रॉफिट बढ़ाने की कोशिश की। बोर्ड और ऑडिटर की मंजूरी लिए बिना "निवेश नीति और अकाउंटिंग" में बदलाव किए ताकि शॉर्ट टर्म में इन्फोसिस का मुनाफा ज्यादा दिखे।

इन शिकायतों के मिलने के बाद इन्फोसिस के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि कंपनी की ऑडिट कमेटी व्हिसलब्लोअर के आरोपों पर एक स्वतंत्र जांच करेगी। कमेटी ने स्वतंत्र इंटरनल ऑडिटर अर्न्स्ट एंड यंग (EY) से परामर्श लेना शुरू कर दिया है। इसके अलावा लॉ फर्म शार्दूल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी को भी स्वतंत्र जांच के लिए नियुक्त किया गया है।

नीलकेणी के बयान के मुताबिक एक बोर्ड मेंबर को 2 गुमनाम शिकायत 20 सितंबर और 30 सितंबर 2019 को मिली। उनकी शिकायत का टाइटल ‘डिस्टर्बिंग अनएथिकल प्रेक्टिस’ और ‘व्हीसलब्लोअर शिकायत’ के नोट के साथ मिली है। उन्होंने कहा कि दोनों शिकायत 10 अक्टूर 2019 को ऑडिट कमेटी को दी गई।

Created On :   22 Oct 2019 7:11 PM IST

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